मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यसभा और विधान परिषद के चुनावों में वोटिंग के पक्षधर नहीं रहे हैं। उनका हमेशा से मानना रहा है कि इससे खरीद फरोख्त को बढ़ावा मिलता है। भाजपा नेतृत्व भी छठी सीट के लिए मतदान कराने से इसलिए कतरा रहा है क्योंकि उसके पास एनडीए के सहयोगी दलों को लेकर सरप्लस वोट 21 ही है। चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी मिलने की स्थिति में यह संख्या 25 से आगे नहीं बढ़ रही है। कांग्रेस प्रत्याशी के पास अपने 27 वोट के अलावा राजद के नौ सरप्लस वोट यानी कुल 36 वोट है। चूंकि भाकपा माले ने राजद को समर्थन देने की घोषणा कर दी है, इसलिए राजद को इसके तीन वोट अपने कोटे में रखकर कांगे्रस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी।