Tuesday, April 16, 2024
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75 दिनों तक ICU में एक मात्र मरीज थीं जयललिता: मौत पर खुलासा

SI News Today

अपोलो अस्पताल समूह के चेयमैन प्रताप रेड्डी ने गुरुवार को कहा कि अपोलो अस्पताल में जिस हिस्से में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता का इलाज किया जा रहा था उसमें सभी सीसीटीवी कैमरे बंद थे। उन्होंने एक कार्यक्रम से इतर मीडिया से कहा, “दुर्भाग्य से हमने सीसीटीवी बंद कर दिए थे क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि हर कोई उन्हें दिए जा रहे इलाज को देखे।” रेड्डी ने कहा कि जयललिता के तल के सभी मरीजों को दूसरी मंजिल पर स्थानांतरित कर दिया। ऐसा सुरक्षा कारणों की वजह से किया गया था। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री को अस्पताल लाया गया तो उनकी स्थिति गंभीर थी, लेकिन बाद में उनमें सुधार दिखा। बाद में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने अंतिम सांस ली। रेड्डी ने कहा कि उनके इलाज से जुड़े सभी दस्तावेजों को उनकी मौत की जांच कर रहे एकल न्यायिक जांच आयोग के पास जमा कर दिया गया है।

जयललिता को 22 सितंबर, 2016 को अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनका निधन 5 दिसंबर को हुआ। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता का इलाज करने वाले ओपोलो अस्पताल ने कहा कि दिवंगत नेता का ऐसा कोई वीडियो नहीं है ‘‘जिसके बारे में हम नहीं चाहते कि सभी उसे देखें।’’ बता दें कि बुखार और डिहाइड्रेशन के कारण सितंबर 2016 में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 75 दिन के इलाज के बाद अन्नाद्रमुक सुप्रीमो ने अंतिम सांस ली।

अपोलो अस्पताल की ओर से ये टिप्पणी तब आई है जब जेल में बंद AIADMK नेता शशिकला ने इस मामले की जांच कर रहे आयोग को पिछले सप्ताह दिये एक शपथ पत्र में कहा था कि जब 22 सिंतबर 2016 को जयललिता चेन्नई स्थित अपने घर में वाशरूम में गिर गईं थी तो उन्होंने अस्पताल जाने से इंकार कर दिया था। शशिकला ने यह भी कहा कि जयललिता की अस्पताल में चार बार वीडियोग्राफी करवाई गई थी। शशिकला का यह भी कहना था कि AIADMK नेता ओ पन्नीरसेल्वम और एम थंबी दुरई ने अस्पताल में उनसे मुलाकात की थी। हालांकि इन दोनों नेताओं ने कहा है कि उन्हें अस्पताल में जयललिता से मिलने नहीं दिया गया था।

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