Friday, March 29, 2024
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10 मंत्रालयों में खाली पड़े हैं 28713 पद! हो सकती है जल्द भर्ती…

SI News Today

केंद्र सरकार में रक्षा, डाक, वित्तीय सेवाएं, रेलवे, मानव संसाधन विकास, गृह मंत्रालय, शहरी विकास समेत 10 मंत्रालयों एवं विभागों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 28713 पद रिक्त है. संसद में पेश कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी प्राप्त हुई है. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार में 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की पद संख्या वाले 10 मंत्रालयों / विभागों ने अपने सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों एवं उपक्रमों आदि में 31 दिसंबर 2016 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की 92589 बकाया रिक्तियों की जानकारी दी थी. इनमें से 63876 रिक्तियों को भरा गया.

एक जनवरी 2017 की स्थिति के अनुसार, इन विभागों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की 28713 रिक्तियां खाली रह गई थी. मंत्रालय ने बताया कि ऐसी रिक्तियों को विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से भरने के लिए सभी मंत्रालयों एवं विभागों को एक आंतरिक समिति गठित करने के लिए अनुदेश जारी किए गए हैं. उल्लेखनीय है कि विभिन्न राजनीतिक दल एवं दलित संगठन सरकारी विभागों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के रिक्त पदों को भरने की मांग कर रहे हैं. विपक्ष इस मुद्दे पर विभिन्न मंचों पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है .

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2017 को डाक विभाग में अनुसूचित जाति वर्ग में 301 पद रिक्त थे जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग में 718 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग में 484 पद रिक्त थे. रक्षा मंत्रालय में अनुसूचित जाति वर्ग में 399 पद रिक्त थे जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग में 366 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग में 1268 पद रिक्त थे .

रेलवे में अनुसूचित जाति वर्ग में 145 पद रिक्त थे जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग में 324 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग में दस पद रिक्त थे. गृह मंत्रालय में अनुसूचित जाति वर्ग में 3198 पद रिक्त थे जबकि अनुसूचित जाति वर्ग में 2230 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग में 5120 पद रिक्त थे. कार्मिक एवं लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 77 मंत्रालयों से संबद्ध / अधीनस्थ कार्यालयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी 2016 तक केंद्र सरकार के पदों और सेवाओं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गो का प्रतिनिधित्व क्रमश: 17.49 प्रतिशत, 8.47 प्रतिशत और 21.5 प्रतिशत है.

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