Wednesday, March 27, 2024
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जानिए क्या है UP का सेल्फ फाइनेंस्ड इंडिपेंडेंट स्कूल (रेगुलेशन ऑफ फीस) बिल-2018

SI News Today

लखनऊ।

०३/०४/2018 को @UPGovt की लखनऊ में यूपी कैबिनेट की मीटिंग हुई थी, जिसमें ‘सेल्फ फाइनेंस्ड इंडिपेंडेंट स्कूल (रेगुलेशन ऑफ फीस) बिल-2018’ बिल को मंजूरी दी गयी है, जिसके बाद प्राइवेट स्कूल अब पैरेंट्स से मनमानी फीस वसूल नहीं कर सकेंगे।

कैबिनेट मीटिंग के बाद श्री  सरकार में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘सेल्फ फाइनेंस्ड इंडिपेंडेंट स्कूल (रेगुलेशन ऑफ फीस) बिल-2018’ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ‘उत्तर प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की तरफ से फीस बढ़ाकर और दूसरी सुविधाओं के नाम पर वसूली जा रही मनमानी फीस से पैरेंट्स को राहत दिलाने के लिए यूपी सरकार ने इस बिल को मंजूरी दी है।

इस बिल में क्या हैं प्रावधान-

1. इस बिल में प्राइवेट स्कूलों के हर साल फीस बढ़ाने पर रोक लगाई गई है। अब स्कूल अब सिर्फ 7-8% से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते। इसके साथ ही 12वीं क्लास तक सिर्फ एक ही बार एडमिशन फीस ली जा सकेगी। अगर कोई स्कूल फीस बढ़ाना भी चाहता है, तो वो तभी बढ़ा सकेगा जब टीचर्स की सैलरी बढ़ाई जाएगी। अभी तक 100% तक फीस बढ़ा दी जाती थी।

2. ज्यादातर स्कूल अपने यहां कमर्शियल एक्टिविटी करते हैं, लेकिन उससे होने वाली इनकम की जानकारी नहीं देते थे। अब स्कूलों को अपनी इनकम की जानकारी देनी होगी। इससे स्कूल की इनकम बढ़ेगी, जिससे टीचर्स की सैलरी बढ़ेगी और बच्चों की फीस कम होगी।

3. इस बिल के बाद स्कूल अब सिर्फ रजिस्ट्रेशन फीस, एडमिशन फीस, एग्जाम फीस समेत 4 फीस ही ले सकते हैं। जबकि बस फीस, पिकनिक फीस, एजुकेशनल कैंप फीस तभी लिए जा सकेंगे, जब स्टूडेंट इन एक्टिविटिज़ में शामिल होंगे।

4. अभी तक स्कूल एक साल की फीस इकट्ठी ही लेते थे, लेकिन इस बिल के आने के बाद स्कूल 3 महीने या 6 महीने में इंस्टॉलमेंट पर फीस लेंगे।

5. इस बिल के बाद कोई भी स्कूल पैरेंट्स को किसी खास दुकान से ही बुक और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। इसके साथ ही स्कूल अब कम से कम 5 सालों तक अपनी यूनिफॉर्म में भी किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकते।

6. @ptshrikant ने बताया कि अगर कोई भी स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो पहली बार में 1 लाख रुपए और दूसरी बार 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। जबकि तीसरी बार नियमों का उल्लंघन पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।

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