बीजेपी के उग्र तेवरों को देखते हुए बिहार में एनडीए के साझेदारों ने 20-20 सीट साझेदारी योजना पर काम करना शुरू किया है. ये पार्टियां 2019 लोकसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति बनाने में जुट गई हैं. राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी नेता उपेंद्र कुशवाहा और जनता दल (यू) के मुखिया नीतीश कुमार चाहते हैं कि बीजेपी 40 में से 20 लोकसभा सीटें इन दलों के लिए छोड़ दे.
बिहार में छोटे दलों के अलावा जनता दल (यू) का भी मानना है कि बीजेपी की कट्टर हिंदुत्व नीति से बूथ लेवल संगठन कमजोर हुआ है. नीतीश कुमार के करीबी एक जेडीयू नेता ने न्यूज़ 18 को बताया कि बीते दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा की वजह से पार्टी नेतृत्व को लेकर पार्टी में ही सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्हें डर है कि कहीं बीजेपी 2019 लोकसभा चुनावों में बहुमत न हासिल कर ले.
यही वह डर है कि बीजेपी की सहयोगी पार्टियां 2020 के विधानसभा चुनावों को 2019 में लोकसभा चुनावों के साथ ही कराने की इच्छा रखते हैं. जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने न्यूज़ 18 को बताया कि गठबंधन पार्टियों के पास बीजेपी छोड़ने का कोई विकल्प नहीं है और बीजेपी इन हालात का फायदा उठा रही है. उन्होंने कहा “नीतीश जी, कैबिनेट में सुशील मोदी और उनकी टीम के साथ बहुत सहज हैं, लेकिन बड़े स्तर पर अंतर हर किसी को नज़र आ रहा है.”
राजनितिक विशेषज्ञों की मानें तो मजबूरी में ही सही, लेकिन छोटी गठबंधन पार्टियां जैसे एलजेपी और आरएलएसपी नीतीश कुमार की ताकत को कुछ बढ़ा सकती हैं. इसीलिए तीनों गैर-बीजेपी पार्टियां पुराने राजनीतिक मतभेद भुलाकर एनडीए के भीतर अपना मोर्चा गठित करने की कोशिश में हैं. जिस तरह से इन दलों ने नीतीश कुमार के इर्दगिर्द अपनी लामबंदी की है उससे लगता है कि वो जल्दबाज़ी में हैं. वो 20 सीटें अपने लिए रखकर बाक़ी 20 बीजेपी के लिए छोड़ना चाहते हैं.
रविवार को नीतीश कुमार के साथ अपनी पांचवीं बैठक खत्म करने के बाद 72 वर्षीय LJP प्रमुख रामविलास पासवान ने यह घोषणा भी कर दी कि 2019 के लोकसभा चुनावों में वह खुद हाजीपुर से और उनका बेटा जमुई से चुनाव लड़ेंगे. 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 40 में से 31 सीटें मिली थीं. अभी तक बीजेपी के पास 22 सांसद हैं. LJP के पास 6 सांसद, और RLSP के पास 3 सांसद हैं. जेडीयू को सिर्फ दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था मगर अब एनडीए में वापसी पर वह लोकसभा चुनावों के लिए और सीटों की मांग करेगी.
जेडीयू नेता विधानसभा में अपनी ताकत के दम पर सीट-शेयरिंग की मांग कर रहे हैं. पार्टी कम से कम 12 सीटों की मांग कर रही है. LJP ने पहले सात सीटों पर चुनाव लड़ा था और छह सीटें अपने नाम की थीं. RLSP ने भी सभी तीन सीटों पर जीत दर्ज की लेकिन बाद में जेहानाबाद सांसद अरुण कुमार सिंह के छोड़ने के बाद कुशवाहा दो सीटों पर संतोष रख सकते हैं. एक और जेडीयू नेता ने बताया कि कुछ महीनों में ही अहम बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है जिसके बाद तस्वीर और साफ हो जाएगी.