Friday, March 29, 2024
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केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा- SC/ST एक्‍ट पर आपका आदेश कानून का उल्लंघन है…

SI News Today

SC/ST एक्ट पर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट आमने-सामने आते दिख रहे हैं. गुरुवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आदेश वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट का आदेश कानून का उल्लंघन है, इसलिए इसे वापस लेने की आवश्यकता है.’ देश हित का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि ‘प्रावधान में बदलाव के कारण देश को नुकसान हुआ है और भविष्य में भी नुकसान हो सकता है.’

देश में बने आपातकाल जैसे हालात- केंद्र ने दी थी दलील
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की दलीलों को सुनते सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्‍पणी करते हुए कहा था, ‘हम एससी/एसटी एक्‍ट के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन किसी बेकसूर को सजा नहीं मिलनी चाहिए.’ सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलील देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते एससी/एसटी एक्‍ट पर शीर्ष अदालत के पूर्व के फैसले के चलते जैसे देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. हजारों लोग सड़क पर हैं. लिहाजा, इस आदेश पर फिलहाल रोक लगाई जाए.

SC ने दिया था आदेश, आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करना जरूरी नहीं
उल्‍लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को आदेश दिया था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के अंतर्गत आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करना जरूरी नहीं होगा. प्राथमिक जांच और सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बाद ही दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

दलित संगठनों ने किया था भारत बंद
उल्लेखनीय एससी/एसटी एक्‍ट को कथित तौर पर शिथिल किए जाने के विरोध में सोमवार को दलित संगठनों द्वारा किए गए राष्ट्रव्यापी बंद का असर आज (मंगलवार) भी देखा जा रहा है. कई दलित संगठन आज भी प्रदर्शन करने की बात कर रहे हैं. इससे पहले कल कई राज्यों में बंद के दौरान हुए प्रदर्शन का आम जनजीवन पर गहरा असर पड़ा. कई जगह प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया. इन घटनाओं में कम-से-कम 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्‍य घायल हुए. बंद का सबसे ज्‍यादा असर मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल जिलों में देखा गया, जहां कई स्थानों पर भड़की हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

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