हिंद महासागर के भारतीय समुद्री क्षेत्र की ओर बढ़ रहे चीन के तीन युद्धपोतों को देखकर भारतीय नौसेना ने मजाकिया अंदाज में गंभीर चेतावनी दे डाली। नौसेना ने दो ट्वीट कर चीनी युद्धपोतों और अपनी नौसेना की तैनाती का नक्शा जारी कर चेताया कि 50 से ज्यादा हमारे जहाज पीछा करने के लिए दुनिया के हर हिस्से में तैनात हैं। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की नौसेना के तीन युद्धपोतों को भारतीय नौसेना ने इंडोनेशिया के सुदूरवर्ती अंबई वतार जलडमरूमध्य (समुद्री गलियारा) से हिंद महासागर में प्रवेश करते देखा। इनमें जांगकेई क्लास के दो मिसाइल कॉर्वेट युद्धपोत थे, जबकि एक टैंकर साजो-सामान के साथ उनके साथ चल रहा था।
नौसेना के अधिकारियों के अनुसार, चीन का यह बेड़ा जैसे ही हिंद महासागर में पहुंचा, वहां मौजूद भारतीय नौसेना के दो युद्धपोतों ने ‘वेल्कम टू इंडियन ओशन’ का संदेश दिया। इस संदेश ने चीनी बेड़े के कमांडर को चौंका दिया। ढाई हजार मील दूर स्थित बेड़े के कमांडर ने संदेश भेजा कि उसने अपने पोतों को समुद्री लुटेरों से क्षेत्र को बचाने के मद्देनजर तैनात किया है और उसका लक्ष्य हिंद महासागर क्षेत्र में शोध है। इसके तुरंत बाद भारतीय नौसेना ने ट्वीट कर एक और संदेश भेजा, जिसमें कहा गया ‘हैप्पी हंटिंग… मैरीटाइम।’ यानी, जरूरत पड़ने पर हम पीछा करने और मार गिराने के लिए तैयार हैं।
दरअसल पीएलए नेवी की ‘29 वीं एंटी पायरेसी एस्कॉर्ट्स फोर्स’ के ये जहाज हिंद महासागर को पार करते हुए अदन की खाड़ी की ओर बढ़ रहे थे। अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक, आवागमन की आजादी के तहत एक देश, दूसरे देश के जहाजों को गुजरने से नहीं रोक सकता। ऐसे में समुद्री जलक्षेत्र में घुसने की आशंका के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए चीन को आगाह किया कि हमने नजर जमा रखी है।
दूसरे ट्वीट में अपने जंगी जहाजों की तैनाती का नक्शा जारी करते हुए नौसेना ने चीनी बेड़े को संदेश भेजा कि फारस की खाड़ी से मलक्का और उत्तर में बंगाल की खाड़ी से दक्षिणी हिंद महासागर तक और अफ्रीका के पूर्वी छोर तक हम 24 घंटे निगरानी में हैं। अपने क्षेत्र को हर समय, हर तरह से सुरक्षित रखने के लिए हम सक्षम हैं। हिंद महासागर में नई रणनीति के तहत भारत ने पचास जंगी पोत 5000 वर्ग मील के दायरे में तैनात किए हुए हैं। नौसेना के ये पोत इंडोनेशिया के आसपास से लेकर दूसरी ओर अफ्रीका में अदन की खाड़ी, सोमालिया तट, मॉरीशस, सेशेल्स और मालदीव तक तैनात रहते हैं।