राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार (20 अप्रैल) को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मुलाकात के बाद कहा कि हम सीजेआई दीपक मिश्रा को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव ला रहे हैं. गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किया है, लेकिन उनमें से 7 रिटायर हो गए हैं, जिसकी वजह से यह संख्या घटकर अब 64 हो गई है. महाभियोग लाने के लिए जितनी संख्या चाहिए होती है, हमारे पास उससे ज्यादा है और हमें यकीन है कि सभापति महोदय कार्रवाई करेंगे.’
इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ‘हम चाहते थे कि ऐसा दिन कभी ना आए, लेकिन कुछ खास केस पर सीजेआई के रवैये की वजह से महाभियोग लाने पर हम मजबूर हुए.’ कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर उपराष्ट्रपति ने नोटिस खारिज किया तो और भी कई रास्ते हैं.
सिब्बल ने कहा कि सीजेआई के कुछ प्रशासनिक फैसलों पर आपत्ति है. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि है फिर से जांच होगी और सच सामने आएगा. सिब्बल ने चीफ जस्टिस ने अपने पद की मर्यादा तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि न्यायपालिका के खतरे में आने से लोकतंत्र पर खतरा है.