Tuesday, April 16, 2024
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हर युवा को अपने जीवन में करने चाहिए ये 7 काम! जानिए…

SI News Today

देश में एमएनसी कंपनियों के निवेश करने से युवाओं को रोजगार के बेहतर मौके मिले हैं. धीरे-धीरे बढ़ती देश की प्रति व्यक्ति आय और लाइफ को एन्जॉय करने के बीच युवा वर्ग वर्तमान में जीने में यकीन करता है. मेट्रो सिटीज में रह रहे युवा कल हो न हो, आज जी भरके जश्न कर लें में विश्वास करता है. इनकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है. तकनीक की बेहतर समझ रखने वाले इस आयु वर्ग के युवा हमेशा हाई सोसायटी की तरफ आकर्षित होते हैं.

भविष्य की प्लानिंग को न करें नजरअंदाज
कई बार इनकी इनकम कम होने के बावजूद भी ये महंगे शौक में यकीन रखते हैं. महंगे रेस्टोरेंट से खाने का ऑर्डर करना हो या कहीं जाने के लिए कैब बुक करनी हो, हर चीज इनके हाथ में मौजूद मोबाइल पर मुमकिन है. इन्वेस्टमेंट से जुड़े विकल्प भी इनके मोबाइल पर एक क्लिक में सामने आ जाते हैं. लेकिन इन सबके बीच आज का युवा वर्ग अपने भविष्य की प्लानिंग को नजरअंदाज करता जा रहा है. मासिक किश्त (EMI) और फाइनेंसिंग की आसान उपलब्धता के कारण खरीद के फैसलों में युवाओं के सामने कीमत आड़े नहीं आती.

वॉलनट एप के सह-संस्थापक पतंजलि सोमायाजी ने आज की युवा पीढ़ी के लिए 7 टिप्स बताए हैं. अगर आप भी जीवन में इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपकी आर्थिक स्थिति हमेशा मजबूत रहेगी. आगे पढ़िए वे कौन सी 7 बातें हैं जिनका युवाओं को ध्यान रखना चाहिए.

अपना बजट निर्धारित करें
आपकी उम्र कुछ भी हो सबसे पहले आपको अपना महीने का बजट निर्धारित करना चाहिए. मसलन इसमें आप महीने के हर खर्च को शामिल करते हुए कुछ स्पेयर मनी भी रखें. उदाहरण के लिए अगर आपका हर महीने का खर्च 40 हजार है तो आप 5 हजार रुपये स्पेयर रख सकते हैं. अगर किसी महीने जरूरत में ज्यादा खर्च होता है तो उसे आने वाले महीनों में मैनेज करने की कोशिश करें. बजट बनाने से यह फायदा मिलेगा कि आप कोई फिजूल खर्च नहीं कर पाएंगे.

हर महीने सैलरी का 10 फीसदी बचाएं
आपने भी अक्सर लोगों को महीने की अंतिम सप्ताह में यह कहते हुए सुना होगा कि यह काम अगली सैलरी में करेंगे. महीने के अंतिम सप्ताह में जरूरी खर्चों को टालना और अगले महीने के वेतन का इंतजार करना सही नहीं है. समझदारी इसमें है कि हर महीने की सैलरी का एक निश्चित भाग करीब 10 फीसदी को सेव करें. रखें. पैसे सेव करने के लिए आप इक्विटी फंड या डेट फंड में सिप या फिक्स्ड डिपाजिट के माध्यम से कर सकते हैं.

तरह-तरह के निवेश विकल्पों की तलाश करें
अधिकतर लोगों को यही पता होता है कि फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश का एकमात्र तरीका है. जबिक आज के समय में निवेश के तमाम विकल्प मौजूद हैं. आप इक्विटी, डेट म्यूचुअल फंड और स्टॉक मार्केट से लेकर गोल्ड, रीयल इस्टेट आदि तक में निवेश कर सकते हैं. आप भी इनमें से किसी विकल्प में निवेश कर सकते हैं, लेकिन यह जान लें कि हर ज्यादा रिटर्न देने वाले निवेश में जोखिम का खतरा रहता है.

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है जरूरी
दिन पर दिन महंगे होते इलाज और नई बीमारियों के बीच जरूरी है कि आप अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर लें. आपका आज में जीने का नजरिया अच्छा हो सकता है, लेकिन सड़क दुर्घटना या मेडिकल इमरजेंसी बताकर नहीं होती. इस हालात में आपकी आर्थिक स्थिति डगमगा सकती है. इसलिए जरूरी है कि आप 5 से 10 लाख रुपये की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी अवश्य लें और इसमें अपने पूरे परिवार को कवर कराएं.

समय से करें टैक्स प्लानिंग
अगर आपकी इनकम टैक्स के दायरे में आ रही है तो टैक्स बचत करने के लिए समय से प्लानिंग शुरू कर दें. यानी आपको इसके लिए फरवरी या मार्च का इंतजार न करना चाहिए. वित्त वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल से ही इस दिशा में काम करने लगें. सैलरी का ब्योरा मिलते ही टैक्स देनदारी निकाल लें. उन सभी विकल्पों को खंगाल लें जिनमें टैक्स बचत हो सकती है.

इमरजेंसी फंड की प्लानिंग
नौकरी जाने, दुर्घटना या लंबी बीमारी आदि से परिवार की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि आप अपने हर महीने होने वाले खर्चों में से कुछ रकम जोड़कर अपना इमरजेंसी फंड तैयार कर लें. इमरजेंसी फंड नौकरी चले जाने पर आपकी मकाई की ईएमआई या बच्चों की फीस आदि के खर्च को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है. हर नौकरी करने वाले के लिए जरूरी है कि वह कम से कम छह महीने का इमरजेंसी फंड अवश्य रखें.

योजना पर टिके रहें
योजना बनाना आसान होता है लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल होती है इस पर अमल करना. इसलिए योजना को कागजी के बजाय सतही बनाएं. इसलिए अपनी बनाई गई योजना का पूरी तरह से पालन करें.

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