कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित ‘जन आक्रोश’ रैली में कहा कि कांग्रेस में नेताओं के अलग-अलग विचार हो सकते हैं लेकिन वह अलग-अलग विचारों को बढ़ाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने यह नसीहत भी दी कि जब लड़ाई आरएसएस के साथ हो तो पूरी पार्टी को साथ आना होगा.
राहुल गांधी ने, ‘कभी-कभी हमारी पार्टी में अलग अलग विचार होते हैं. यहां सलमान खुर्शीद जी बैठे हुए हैं. मैं यह मानने को तैयार हूं कि हमारी पार्टी में अलग अलग विचार होंगे और मैं अलग अलग विचारों को बढ़ाउंगा. मैं सलमान खुर्शीद की रक्षा करूंगा, लेकिन एक बात मैं कहना चाहता हूं कि जब पार्टी लड़ाई लड़ रही है, जब पार्टी आरएसएस के खिलाफ लड़ रही है तो हमें एकसाथ मिलकर लड़ने का प्रयास करना है.’’
‘बीजेपी में सिर्फ एक सोच चल सकती है’
राहुल ने कहा, ‘बीजेपी के अध्यक्ष और नरेंद्र मोदी जी अपने मंच ऐसी बात कभी नहीं कर सकते क्योंकि उनकी पार्टी में सिर्फ एक सोच चल सकती है और वो है नरेंद्र मोदी और अमित शाह की सोच.’ राहुल ने कहा, ‘उस पार्टी में न अरूण जेटली जी आदर होगा, न आडवाणी जी का आदर होगा और न ही उनके मुख्यमंत्रियों का आदर होगा.’
रैली में राहुल गांधी ने डोकलाम, नोटबंदी, जीएसटी, बेरोजगारी, ‘दलितों अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं पर अत्याचार’, न्यायपालिका और किसानों के मुद्दों को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मोदी चीन के सामने खड़े नहीं हो सके और चीनी राष्ट्रपति के साथ अपनी मुलाकात में डोकलाम के मुद्दे पर वह एक शब्द नहीं बोल पाए.
खुर्शीद के बयान ने बढ़ा दी थी कांग्रेस की मुश्किल
गौरतलब है कि पिछले दिनों खुर्शीद ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के दाग हैं.’ उनके इस बयान से कर्नाटक विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की किरकिरी हुई और बीजेपी ने उस पर जमकर निशाना साधा.
यह दूसरा मौका था जब सलमान खुर्शीद कांग्रेस पार्टी की लाइन से अलग दिखाई दिए हैं. इससे पहले भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के ख़िलाफ राज्य सभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के पार्टी के रुख़ से भी उन्होंने ख़ुद को अलग कर लिया था. उन्होंने इस बाबत उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को दी गई अर्ज़ी पर दस्तख़त करने से भी कथित तौर पर इनकार कर दिया था.
वैसे, यह कोई पहली बार नहीं है कि चुनाव से पहले कांग्रेस के किसी नेता ने पार्टी को मुश्किल में डालने वाले बयान दिए हैं. पिछले साल गुजरात विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘नीच’ शब्द का इस्तेमाल किया था जिस वजह से कांग्रेस के लिए किरकिरी वाली स्थिति पैदा हो गई थी.