Thursday, March 28, 2024
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सल्फास क्या है और कितना घातक है! जानिए…

SI News Today
What is sulfas and how fatal! Learn...

सल्‍फास एक ऐसा कीटनाशक है, जो बहुत कम समय के भीतर जान ले सकता है। पर यह बाजार में आसानी से उपलब्‍ध है। इसी तरह कृषि में काम आने वालीं कई कीटनाशक दवाइयां भी आदमी के लिए बहुत खतरनाक हैं। लेकिन उत्‍तर प्रदेश में इन जहरीले रसायनों की बिक्री के लिए कोई मानक नहीं हैं।

सल्‍फास इधर काफी सुर्खियों में रहा। एन0आर0एच0एम0 घोटाले के आरोपी डॉ0 ए0के0 शुक्‍ला को सीबीआई पकड़कर ले गई, उनसे पूछताछ किया और जब 20 घंटे बाद जेल भेजे गए, तो वहाँ उनके मोजे से सल्‍फास मिला। बड़ा हल्‍ला हुआ। ताजा घटना में लखनऊ के एडीएम विनोद राय की जान भी सल्‍फास निगल जाने में चली गयी। आए दिन इस तरह की खबरें आती रहती हैं कि किसी ने सल्‍फास खाकर जान दे दी।

आत्‍महत्‍याओं में अधिकाँश लोग कीटनाशकों का इस्‍तेमाल करते हैं। कीटनाशक की बाजारों में आसानी से उपलब्‍धता भी इसका एक बड़ा कारण माना जा सकता है। इस व्‍यवसाय से जुड़े लोगों का मानना है कि जब तक इसकी बिक्री के लिए कोई मानक नहीं बनाए जाते, तब तक इसका सेवन करके जान देने वालों का सिलसिला खत्‍म नहीं होगा।

सल्‍फास का इस्‍तेमाल प्राय: अनाजों के भंडारों में कीटनाशाक के रूप में किया जाता है। राजधानी के अलावा प्रदेश के किसी भी जिले में कहीं भी इसकी आसानी से उपलब्‍धता है। इसीलिए इसका दुरूपयोग बढ़ा है। मध्‍य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सहित कई राज्‍यों में कीटनाशक दवाइयों में किन-किन जहरीले पदार्थों का सेवन किया जाता है, इसका उल्‍लेख किया जाता है। इसके साथ ही इन राज्‍यों में इस तरह की दवाइयों की बिक्री के कई मानक हैं, जिसके चलते इस तरह कीदवाइयों को आसानी से हासिल नहीं किया जा सकता है।

कीटनाशक का जो भी इस्‍तेमाल जान देने के लिए करता है, उसके बचने की संभावना काफी कम रहती है। यदि इसके सेवन के तुरंत बाद ही नमक के पानी का सेवन करा दिया जाए, तो बचने की कुछ संभावना रहती है या फिर अस्‍पताल पहुंचने पर तत्‍काल एप्रोपिन का इंजेक्‍शन दे दिया जाए, तो सल्फास खाने वाले व्‍यक्ति को बचाया जा सकता है।

लेकिन यदि इसे खाने वाला व्‍यक्ति किसी तरह बच भी जाता है, तो भी इसका दुष्‍प्रभाव समाप्‍त नहीं होता। इसमें पाए जाने वाले कई ऐसे तत्‍व होते हैं, जो खून में घुल जाते हैं और कैंसर जैसी भयानक बीमारियों की वजह बनते हैं। इसके अतिरिक्‍त इसके प्रभाव से शरीर के कई अंगों के प्रभावित होने की भी संभावना रहती है।

इसीलिए यह जरूरी है कि इसकी बिक्री के सम्‍बंध में कठोर नियम बनाए जाएँ, जिससे सल्‍फास सहित अन्‍य कीटनाशक सिर्फ वास्‍तविक जरूरत वाले व्‍यक्ति को ही उपलब्‍ध हो सकें और भावावेश में जान देने की कोशिश करने वाले लोगों को बचाया जा सके।

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