Shivpal Yadav will become SP general secretary! Uncle-nephew is a ...
एक कार्यक्रम के तहत औरैया पहुंचे समाजवादी पार्टी के दिग्गज शिवपाल सिंह यादव से जब मीडियाकर्मियों ने पूछा, आपको समाजवादी पार्टी का महासचिव बनाया गया है? जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे इसकी सूचना सोशल मीडिया के जरिए मिली है. अभी तक उन्हें इसको लेकर कोई आधिकारिक चिट्ठी नहीं मिली है. पारिवारिक लड़ाई को लेकर शिवपाल सिंह ने कहा कि पारिवारिक विवाद तो कब का खत्म हो चुका है. नेताजी पार्टी के संरक्षक हैं और अखिलेश पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष. मैं नेताजी के आदेश का हमेशा से सम्मान करते आया हूं. उनके ही आदेश पर मैं शुरू से समाजवादी पार्टी से जुड़ा हूं और पूरी मेहनत करता हूं. आनेवाले वक्त में भी पार्टी के साथ उनके ही आदेश पर रहूंगा. सपा द्वारा लिए जा रहे फैसले को लेकर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अभी जो भी फैसले लिए जा रहे हैं, वो राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद ले रहे हैं. उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजे को लेकर कुछ भी कमेंट करने से मना कर दिया.
2019 चुनाव के मद्देनजर अखिलेश शिवपाल को मनाने में जुटे
सपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले परिवार को एकजुट करने के लिए अखिलेश ने नई योजना तैयार की है. इसी योजना के तहत शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक, अखिलेश और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के बीच इसे लेकर सहमति बन चुकी है. सही मौका देखकर उनको पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाने की घोषणा कर दी जाएगी. इस नए फॉर्मूले के तहत शिवपाल यादव को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव का पद मिलेगा. पद के मिलने के बाद ये अंदेशा जताया जा रहा है कि शिवपाल अपने भाई मुलायम सिंह यादव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की मांग छोड़ देंगे.
अखिलेश, मुलायम और शिवपाल की हुई मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में कुछ नजदीकी नेताओं की मध्यस्थता से अखिलेश, शिवपाल और मुलायम के बीच लंबी बातचीत हुई, जिसके बाद ये फॉर्मूला बना. आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में आगरा में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव के दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद ही शिवपाल को बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चा शुरू हुई थी. इसके बाद शिवपाल यादव और राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बीच पिछले दिनों दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद बात और आगे बढ़ी.
विधानसभा चुनाव में पार्टी को हुआ था भारी नुकसान
बीजेपी के विजयी रथ को रोकने और लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अखिलेश ने पहले विपक्षी पार्टियों को एकजुट किया और फिर परिवार को एकजुट करने का फैसला लिया. अखिलेश यादव भी अब समझ चुके हैं कि लोकसभा चुनाव में जीत के लिए परिवार में एकजुटता जरूरी है. यही वजह रही कि पिछले दिनों अखिलेश ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी के साथ रहने पर चाचा शिवपाल यादव की प्रशंसा भी की थी. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान चाचा-भतीजे की रार सामने आई थी. उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा को मिली करारी हार का एक कारण शिवपाल का समाजवादी पार्टी से दूरी बनाना भी माना जा रहा था.