Saturday, April 20, 2024
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यूपी, राजस्थान में जानमाल का भारी नुकसान: तूफान से तबाही

SI News Today
Mass losses in UP, Rajasthan: storm wreck

उत्तर प्रदेश के एटा जिले के फरौली गांव की रहने वाली 17 साल की कुमारी कामिनी ने कुछ दिनों से स्कूल जाना बंद कर दिया है. कामिनी फिलहाल छोटी-मोटी नौकरी की तलाश में है ताकि घर का चूल्हा जल सके और सबको रोटी मिल सके. कामिनी के कंधों पर अपनी दो छोटी बहनों और एक भाई की जिम्मेदारी है. 13 मई को आए जबरदस्त तूफान ने कामिनी के मां-बाप को छीन लिया. तूफान के चलते घर की दीवार गिर गई, जिसके नीचे दबकर कामिनी के मां-बाप की दर्दनाक मौत हो गई. उत्तर प्रदेश सरकार ने कामिनी और उसके भाई-बहनों को मुआवजे का आश्वासन दिया है.

घर की दीवार गिरने से कामिनी भी घायल हो गई थी. उसका इलाज सरकारी अस्पताल में चला. अस्पताल से डिस्चार्ज होते समय डॉक्टर ने उसे 10 दिन तक बेड रेस्ट की सलाह दी थी. लेकिन चाहकर भी कामिनी ऐसा नहीं कर सकी. भाई-बहनों को भूख से तड़पता देख कामिनी बिस्तर से उठ खड़ी हुई और लाठी का सहारा लेकर खाना बनाने चल दी.

हाथ-पैरों में पट्टियां बांधे कामिनी घर का सारा काम करने को मजबूर है क्योंकि उसके भाई-बहन अभी बहुत छोटे हैं. कामिनी ने बताया कि, ‘मेरी बड़ी बहन और उसका पति मेरी हरसंभव मदद कर रहे हैं. मैंने अपने माता-पिता के साथ सब कुछ तूफान में खो दिया है. मैं जानती हूं कि अपने भाई बहनों का पेट भरने के लिए अब मुझे काम करना शुरू करना होगा वरना वे भूख से मर जाएंगे.’

तूफान के चलते हुए हादसों में गई सैकड़ों लोगों की जान
बीते दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में आए जबरदस्त तूफान ने जमकर कहर बरपाया. 15 मई तक तूफान के तीन खतरनाक दौर चले. तूफान के चलते हुए हादसों में सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. तूफान से जानमाल का सबसे ज्यादा नुकसान उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हुआ. उत्तर प्रदेश में जहां 141 लोगों की मौत हुई वहीं राजस्थान में 40 लोग मारे गए. सरकार ने मारे गए लोगों को परिजनों को मुआवजा देने का वादा किया है. वहीं मौसम विभाग ने जहां-जहां तूफान आने की आशंका जताई उस संबंधित इलाके के जिला मजिस्ट्रेटों ने स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया.

उत्तर भारत में अभी भी तूफान का खतरा टला नहीं है. शनिवार को मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए तूफान की ताजा चेतावनी जारी की. लेकिन शनिवार को तूफान से एनसीआर तो बच गया, लेकिन उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में भारी बारिश के साथ आए तूफान ने तीन लोगों की जान ले ली. आम की फसल को भारी नुकसान

मौसम विभाग (आईएमडी) की उत्तर प्रदेश इकाई के निदेशक जे पी गुप्ता का कहना है कि, ‘पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) और चक्रवाती प्रसार की वजह से राज्य में तूफान के हालात पैदा हुए. चक्रवाती प्रसार की वजह से हवाओं की रफ्तार बढ़कर जानलेवा तूफान में तब्दील हो गई. वरना हवा के कम दबाव के चलते गर्मियों के मौसम में तूफान और आंधी आना आम बात है.’

उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बुलंदशहर, प्रतापगढ़, फैजाबाद, मुरादाबाद, मेरठ, उन्नाव, गोरखपुर, बस्ती, मथुरा और सहारनपुर में लगभग 2.5 लाख हेक्टेयर इलाके में आम की खेती की जाती है. आम की तरह-तरह की किस्में विकसित करने वाले और मैंगो मैन के नाम से मशहूर पद्मश्री अवॉर्ड विजेता कलीमउल्लाह खान का कहना है कि, तूफान की वजह से उत्तर प्रदेश की मैंगो बेल्ट में आम की फसल का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो गया है.

कलीमउल्लाह खान के मुताबिक, ‘फरवरी और मार्च के महीने में तापमान बढ़ते देखकर हम लोग बहुत खुश थे, लेकिन तूफान की वजह से कैरी (कच्चे आमों) का एक बड़ा हिस्सा पेड़ों से टूटकर गिर गया. ऐसे में इस साल किसानों को घाटे का सामना करना पड़ेगा. वहीं उत्पादन कम होने से आम का बाजार भाव बढ़ जाएगा, जिसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ेगा.’ खान ने आगे बताया कि, तूफान से सबसे ज्यादा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को नुकसान हुआ है, वहां आम की करीब 60 फीसदी फसल तबाह हो गई है.

यूपी, राजस्थान में 500 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान
मौसम विभाग की राजस्थान इकाई के प्रमुख जी एस नागरालया का कहना है कि, ‘हम तूफान आने से 24 घंटे पहले चेतावनी जारी कर सकते हैं, लेकिन तूफान की तीव्रता की भविष्यवाणी केवल 2 घंटे पहले ही की जा सकती है. तापमान में 0.3 डिग्री सेल्सियस के इजाफे से अरब सागर से उठने वाली नमी में खासी वृद्धि हुई है, जिसके नतीजे में तूफान आ रहे हैं.’

नागरालया ने आगे बताया कि, राजस्थान के तूफान प्रभावित इलाकों के संबंधित जिला प्रशासन को आकस्मिक निधि जारी कर दी गई है. उन्होंने यह भी बताया कि तूफान के चलते मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को 4 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. जबकि 60 फीसदी तक घायल लोगों को 2 लाख रुपए और 40-50 फीसदी तक घायल लोगों को 60,000 रुपए दिए जाएंगे. उधर यूपी में मृतक के रिश्तेदारों को 2 लाख रुपए दिए जाएंगे और घायलों को 50,000 रुपए देने का वादा किया गया है.

लखनऊ के रहने वाले अर्थशास्त्री अरविंद मोहन का अनुमान है कि, तूफान से राजस्थान और यूपी को मिलाकर तकरीबन 500 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है. अरविंद मोहन ने बताया कि, ‘मैंने उत्तर प्रदेश और राजस्थान में जानमाल और फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट पढ़ी है. मैं बस इतना कह सकता हूं कि नुकसान 500 करोड़ रुपए से कम नहीं हुआ है.’

मोहन ने आगे बताया कि, नुकसान के इन आंकड़ों में उन्होंने वाराणसी के फ्लाईओवर हादसे और उससे हुए आर्थिक नुकसान को नहीं जोड़ा है. हालांकि अधिकारियों ने फ्लाईओवर ढहने के लिए आंधी-तूफान को जिम्मेदार ठहराया है. मोहन ने आगाह किया है कि तूफान से हुई आर्थिक तबाही का आंकड़ा और भी ज्यादा बड़ा हो सकता है.

तूफान के पिछले दौर से हुए जबरदस्त नुकसान के बावजूद राज्य सरकारों ने कोई सबक नहीं लिया है. सरकारी तंत्र के पास अब भी तूफान की आपात स्थिति से बचने और नुकसान को कम करने की कोई कारगर योजना नहीं है. उत्तर प्रदेश रिलीफ कमिश्नर के दफ्तर में बैठे अधिकारियों से जब इस बाबत सवाल पूछा गया तो वे बड़ी सफाई से बात को घुमा गए. उन्होंने कहा कि, कोई कैसे यह जान सकता है कि तूफान के वक्त बिजली कहां गिरेगी या किस घर की दीवारें गिरेंगी. हालांकि, राजस्थान के अधिकारियों ने कहा कि, अगर उन्हें अब तूफान की चेतावनी मिली तो वे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे. एक अधिकारी ने कहा कि, ‘यह केवल लोगों के सहयोग और समर्थन के बाद ही संभव है, लिहाजा हम लोगों से सहयोग की उम्मीद करते हैं.’

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