61% students fail in B.Sc final year at Ruhalkhand University
उत्तर प्रदेश में स्थित रुहेलखंड यूनिवर्सिटी की परीक्षा में नकल पर सख्ती का असर बीएससी फाइनल के रिजल्ट पर देखने को मिला. सोमवार को जारी बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) के रिजल्ट में 61 फीसदी छात्र फेल हो गए. जब कि मात्र 39 फीसदी छात्र पास हो पाए.
इस साल बीएससी फाइनल की परीक्षा में 32000 छात्र शामिल हुए थे. सोमवार को एक कॉलेज को छोड़कर सभी कॉलेजों के रिजल्ट यूनिवर्सिटी ने जारी कर दिए. इसमें 39 फीसदी ही छात्र पास हुए. 61 फीसदी छात्र दो से अधिक पेपरों में फेल हुए हैं.
इसका सीधा असर M.sc के एडमिशन पर पड़ेगा. पिछले साल 93 फीसदी रिजल्ट के बाद भी M.sc की सीटें खाली रह गई थीं. इस साल तो हालात और बिगड़ने के आसार हैं. इस साल यूनिवर्सिटी ने पेपरों में सख्ती की थी. परीक्षाएं सीसीटीवी की लाइव मॉनिटरिंग में हुई थीं. यूनिवर्सिटी के अफसरों ने कैंपस के कंट्रोल रूम से ही 327 कॉलेजों में चल रही परीक्षाओं का लाइव टेलीकास्ट देखा था. सचल दस्तों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कॉलेजों में भेजा गया. नकल करने वाले दर्जनों कॉलेजों पर कड़ा एक्शन हुआ.
नकल और कॉपी चेकिंग में सख्ती से गिरा रिजल्ट
रिजल्ट खराब होने के कई कारण बताए जा रहे हैं. पहला कारण पेपरों के दौरान नकल पर सख्ती होना. दूसरा सीसीटीवी कि निगरानी में परीक्षाएं होना. और तीसरा कारण कॉपी चेकिंग में सख्ती होना. इन्हीं तीनों कारणों ने रिजल्ट को बुरी तरह से गिरा दिया.
दरअसल शासन स्तर पर नकल में तो सख्ती कर दी गई पर एकेडमिक स्तर पर कोई सख्ती नहीं हुई थी. कॉलेजों में पूरे साल पढ़ाई नहीं हुई. कागजी टीचरों के जरिए प्राइवेट कॉलेजों ने कागजी पढ़ाई कराई गई. यूनिवर्सिटी ने इसकी कोई जांच नहीं करवाई. 75 फीसदी उपस्थिति का नियम केवल कागजों में रहा. ज्यादातर छात्र नकल के भरोसे पेपर देने बैठ गए और नकल ना हो पाने के कारण से फेल हो गए.