Tuesday, March 26, 2024
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इस गांव में नहीं चलता भारत का कानून!

SI News Today
Law of India does not run in this village

@hptdc

हिमाचल प्रदेश।

आपको यकीं होगा नहीं मगर ये सच है कि भारत में एक ऐसी जगह है जहां के लोग खुद को सिकंदर का वंशज मानते हैं। यही नहीं यहां पर भारत का कोई कानून भी नहीं चलता। ये जगह है हिमाचल प्रदेश में एक गांव है मलाणा, जहां लोग अपने आपको सिकंदर के सैनिकों का वंशज मानते हैं।

यह लोग अपने सुबूत के तौर पर जमलू देवता के मंदिर के बाहर लकड़ी की दीवारों पर की गई नक्काशी को दिखाते हैं। यहाँ दर्ज नक्काशी में युद्ध करते सैनिकों को दिखाया दिखाया गया है। यहां के लोगों की भाषा भारतीय भाषाओँ से अलग और ग्रीक भाषा से मिलता जुलता है। यहां के लोगों की शक्ल-सूरत भी ग्रीक देश के लोगों की तरह ही है।

गांव के आसपास उगाई जाने वाली मारिजुआना (गांजा) को ‘मलाणा क्रीम’ कहा जाता है। मलाणा विश्व में सबसे अच्छा चरस की खेती के लिए प्रसिद्ध है। यहां के लोग चरस को काला सोना कहते हैं। हैरानी की बात यह है कि यहां चरस के अलावा दूसरी फसल नहीं होती।

यहां की स्वतंत्र कानून व्यवस्था और न्यायपालिका की। भारतीय प्रदेश का अंग होने बावजूद भी मलाणा की अपनी न्याय और कार्यपालिका है। यहां की अपनी अलग संसद है, जिसके दो सदन हैं पहली ज्येष्ठांग (ऊपरी सदन) और दूसरा कनिष्ठांग (निचला सदन). ज्येष्ठांग में कुल 11 सदस्य हैं. जिनमें तीन सदस्य कारदार, गुर व पुजारी स्थायी सदस्य होते हैं। बाकी आठ सदस्यों को गांववासी मतदान द्वारा चुनते हैं, इसी तरह कनिष्ठांग सदन में गांव के प्रत्येक घर से एक सदस्य को प्रतिनिधित्व दिया जाता है। यह सदस्य घर के बड़े-बुजुर्ग होते हैं। संसद में फौजदारी से लेकर दीवानी जैसे मसलों का हल निकाला जाता है। यहां दोषियों को सजा भी सुनाई जाती है। यहां भले ही दिल्ली जैसी संसद भवन नहीं है परन्तु यहां कार्य वैसा ही होता है। संसद भवन के रूप में यहां एक ऐतिहासिक चौपाल है। अगर संसद किसी विवाद का हल खोजने में विफल होती है, तो मामला स्थानीय देवता जमलू के सुपुर्द कर दिया जाता है।

घूमने के लिए सबसे अच्छा समय नवम्बर से अप्रैल के बीच है। यहाँ आप कुल्लू से होते हुए मलाणा तक पहुँच सकते है, जो महज 45 किलोमीटर की दूरी पर है। कुल्लू से मणीकर्ण रूट पर कसोल से 8 किमी पहले जरी नाम की जगह आती है। यहां से मलाणा हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट की ओर जाने वाले रास्ते पर जाएं। जरी से मलाणा तक की दूरी 16 किमी है. हिमाचल रोडवेज की सिर्फ एक ही बस मलाणा जाती है, जो कुल्लू से शाम 3 बजे चलती है. अगले दिन सुबह यही बस कुल्लू जाती है। दिल्ली, अमृतसर, चंडीगढ़, शिमला, जालंधर, लुधियाना और पठानकोट से कुल्लू के लिए रेगुलर बसें हैं।

 

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