Thursday, April 18, 2024
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यूपी में मायावती को चाहिए 80 में से 40 सीट!

SI News Today

Mayawati wants 40 out of 80 seats in UP!

2019 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के खिलाफ बन रहा महागठबंधन बनने से पहले ही बिखराव के राह पर जा सकता है. उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी ने हाल के उपचुनावों में साथ में चुनाव लड़ा और दोनों पार्टियों को इसका लाभ भी मिला. कैराना और नूरपुर के उपचुनाव जीत पर मायावती ने चुप्पी साध ली. उन्होंने इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया. अब उनकी चुप्पी के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

समाजवादी पार्टी ने इस जीत का जमकर जश्न मनाया, लेकिन बीजेपी की हार पर बीएसपी सुप्रीमो चुप्पी साधे रखीं. यह सबको पता है कि इस जीत में बीएसपी के दलित वोटरों की भूमिका काफी अहम रही है.

खबर के मुताबिक, मायावती उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में 80 में से 40 सीटें नहीं मिलने की स्थिति में गठबंधन से पीछे हट सकती हैं. नाम न बताने की शर्त पर पार्टी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि मायावती ने हाल ही में पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपने इस प्लान के बारे में खुलासा किया था.

लखनऊ में मायावती ने कहा था कि अगर बीएसपी को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती तो वह अकेले चुनाव लड़ सकती हैं. गोरखपुर, नूरपुर और फूलपुर में बीएसपी की मदद से जीत दर्ज करने वाली एसपी अभी सीट शेयरिंग के मामले पर बात करने की जल्दबाजी में नहीं है.

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से जब इस मुद्दे पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी लोगों को सम्मान देने के लिए जानी जाती है. उन्होंने कहा कि आप जानते हैं सम्मान देने में हम लोग आगे हैं… और सम्मान कौन नहीं देगा यह भी आप जानते हैं.

इससे पहले पेश किए गए फॉर्म्युला के मुताबित दोनों पार्टियां उन सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने की बात कर रही थीं, जहां 2014 के चुनाव में उनके उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे. इस हिसाब से 10 सीटों के इधर-उधर करने सेएसपी को 31 सीटें तो बीएसपी को 34 सीटें मिलती.

अब कैराना जैसी जीत पूरे प्रदेश में हासिल करने के लिए महागठबंधन की बात चल रही है. जिसमें आरएलडी और कांग्रेस को भी शामिल करने पर विचार चल रहा है. अगर महागठबंधन बनाने की बात होगी, तब मायावती की 40 सीटों की मांग राह में रोड़ा बन सकती है और महागठबंधन बनने से पहले ही बिखर सकता है.

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