Shimla water crisis in the rain after the rain!
शुक्रवार को शिमला में बारिश के बाद जल संकट का कोहराम कुछ थम गया है. पानी की सप्लाई सुचारू हो, इसके लिए अधिकारियों ने अवैध कनेक्शनों को बंद कराया जिसका फायदा कुछ-कुछ दिखने लगा है.
बारिश के बाद जल स्तर की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, यह टूरिस्ट सीजन है जिसमें शिमला में बड़े तादाद में सैलानी आते हैं. इससे यह संकट गहरा गया. जल संकट के समाधान के लिए हमारी सरकार ने कई कदम उठाए हैं. कल की बारिश ने कुछ राहत दिलाई है. जल स्तर 28.4 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) तक पहुंच गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, इस साल हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी कम हुई है. यहां के पारंपरिक जल स्रोतों में पानी का स्तर घट गया है. 2015 में जल स्तर 36 एमएलडी था जो इस साल घटकर 22 एमएलडी पर आ गया.
दूसरी ओर रविवार को पानी की ‘मारामारी’ में एक महिला की मौत हो गई. शिमला के माल रोड पर पानी के टैंकर से लगी टक्कर में महिला पहले तो घायल हुई और बाद में अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई.
शुक्रवार को शिमला में अधिकारियों ने अवैध कनेक्शनों को चिन्हित कर उनके खिलाफ एकमुश्त कार्रवाई की. एएनआई से बात करते हुए शिमला के डिप्टी कमिश्नर अमित कश्यप ने कहा, मैंने पानी के अवैध कनेक्शन की कई शिकायतें सुनीं जो सही थीं. मैंने इसे फौरन बंद करने को कहा और संबंधित अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से विशेष निर्देश मिला है. उन्होंने बताया, हालात का जायजा लेने के लिए मैंने खुद कई इलाकों का दौरा किया. इस मामले में जांच चल रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला जल संकट का संज्ञान लिया है और इससे निपटने का निर्देश दिया है. लाइव लॉव डॉट इन ने एक खबर में बताया कि हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अजय मोहन गोयल की बेंच ने एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाने का निर्देश दिया ताकि शहर के अलग-अलग इलाकों में पानी का संकट दूर करने के लिए अधिकारी एक दूसरे से तालमेल बना सकें.
शिमला में हालत यह है कि पुलिस संरक्षण में पानी की सप्लाई की जा रही है. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, पानी से जूझते इस पहाड़ी इलाके में सुरक्षित पानी सप्लाई हो सके, इसके लिए पुलिस बल की मदद ली जा रही है. हाई कोर्ट के निर्देश के बाद बिल्डिंग निर्माण और कार धुलाई के लिए पीने योग्य पानी के उपयोग पर रोक लगा दी गई है.