Wednesday, April 24, 2024
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रूस से भारतीय सेना को मिलेगा 200 कामोव हेलिकॉप्टर! जानिए रिपोर्ट…

SI News Today
200 Kamov choppers to get Indian Army from Russia! Know report ...

सरकार रुस से 200 कामोव का 226 टी सैन्य हेलिकॉप्टर खरीदने के सौदे को अक्तूबर तक अंतिम रूप दे सकती है. यह खरीद रशियन हेलीकॉप्टर्स और भारत की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एक संयुक्त उपक्रम के माध्यम से होगी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना से जुड़़ी बुनियादी तैयारियां कर ली गयी हैं क्यों कि सरकार अगले चार महीनों में इस सौदे पर मुहर लगाना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिसंबर 2015 में मास्को यात्रा के दौरान इस सौदे को लेकर दोनों देशों के बीच करार पर हस्ताक्षर किए गए थे.

अक्तूबर 2016 में भारत और रूस ने इसके लिए दोनों कंपनियों का एक संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के समझौते को अंतिम रूप दिया. यह संयुक्त उपक्रम इन हेलीकॉप्टर का विनिर्माण करेंगी. ये हेलीकॉप्टर भारत में चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे जो पुराने हो गए हैं. पिछले महीने रक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए भारत – रूस की कंपनियों के उपरोक्त संयुक्त उपक्रम को परियोजना के लिए ‘‘ प्रस्ताव के लिए अनुरोध पत्र (आरएफपी) का फॉर्म जारी किया था.

अधिकारी ने बताया कि संयुक्त उपक्रम इस आरएफपी पर विस्तृत जवाब अगस्त तक जमा कर सकता है जिसके बाद अक्तूबर में सौदे पर अंतिम मुहर लग सकती है. कमोव हेलीकाप्टर वायुसेना और थल सेना दोनों को दिए जाएंगे. वर्ष 2015 में हुए प्रारंभिक समझौते के अनुसार पहले 60 कमोव-226टी हेलीकाप्टर रुस से तैयार हालत में आएंगे. बाकी 140 का विनिर्माण भारत में किया जाएगा.

कामोव-226टी कार्यक्रम के निदेशक दिमित्री श्वेट्स के मुताबिक, “यह परियोजना एक अंतर-सरकारी समझौते के आधार पर लागू की जाएगी. इसके तहत रूसी पक्ष ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और ग्राहक देश (भारत) में इसके स्थानीकरण के उच्चतम संभव स्तर की उपलब्धि का दायित्व उठाया है.’’ उन्होंने कहा कि स्थानीकरण के तहत हेलीकॉप्टर उत्पादन के चार चरण होंगे, जिसमें हेलिकॉप्टरों और उसके प्रमुख कलपुर्जों का प्रौद्योगिकी हस्तातंरण से लेकर उत्पादन तक शामिल है.

अधिकारियों के मुताबिक पहले चरण में रूस में एसेम्बल (बनाए गए) किए गए हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति शामिल है. जबकि दूसरे चरण में हेलीकॉप्टर के कल पुर्जों की आपूर्ति और स्थानीय स्तर पर कलपुर्जों के निर्माण की तैयारी, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और तकनीकी सहायता शामिल है. तीसरे चरण में आपूर्ति की गई सामग्री से कलपुर्जों का उत्पादन शामिल है. वहीं चौथे चरण में स्थानीय स्तर पर उत्पादित सामग्री से तैयार कलपुर्जों या रूस से भेजे गए कलपुर्जों का संकलन (एसेम्बल), संयुक्त प्रशिक्षण और सर्विस तथा मरम्मत केंद्र के लिए बुनियादी ढांचा शामिल है.

पिछले साल अक्तूबर में भारत और रूस ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रक्षा क्षेत्र की दो प्रमुख रूसी कंपनियों के बीच एक संयुक्त उद्यम के लिए एक व्यापक समझौते को अंतिम रूप दिया था. भारत पुराने हो चुके चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों को बदलने के लिए कामोव हेलीकॉप्टर खरीद रहा है.

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