Friday, March 29, 2024
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मऊ खाद्यान्न घोटाला

SI News Today

Soft food scandal in Mau, Uttar Pradesh.

मऊ।

मऊ जिले में खाद्यन्न विभाग में हो रही धांधली में चौकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं। इन आंकड़ों को देख कर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मऊ जिले में खाद्यापूर्ती विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहराईयों तक व्याप्त है। सूत्रों की मानें तो जांचोपरांत विभाग में इस तरह की बड़े पैमाने की चोरी में विभाग के छोटे कर्मचारियों के साथ बड़े अधिकारियों का भी चेहरा सामने आ सकता है। सूत्रों के हवाले से हमारे द्वारा ऑनलाइन 163 सस्ते गल्ले की दुकानों की सूची निकाली गई, जिनमें कुछ दुकानें ऐसी सामने आईं हैं जिनके फरवरी 2018 माह के कार्ड और यूनिट के आंकड़ों और मई 2018 के कार्ड और यूनिट के आँकड़ों में अंतर चौकाने वाले हैं।

 Report
Sr No.Shop NameFeb 2018 CardsMay 2018 Cards
Total CardsTotal UnitsTotal CardsTotal UnitsDifference
1Quresha Khatoon, Munshipura24111802901990810
2Chandra Shekhar Gupta, Raghunathur28815763372192616
3The Kamgar,Alhdadpura20911022201363261
4The Kamgar Malik, Tahirapur30015702711957387
5Prakshchand, Tahirapur33916512702072421
6Gyanti Devi, Mughalpura39017704092662892
7Pushpa Rai, Rajaraipura34219103422247337
8Rajesh Srivastava, Aurangabad40418024022695893
9Sahkari Gram Bank, Mughulpura33117153312095380
10Kamlesh Siani, Chaksadi29419653372644679
11Vijay Prakash Rai, Rajarampura44329034433158255
12Binisha50522764833039763

 

जमीनी हकीकत जानने के लिए हमारे संवाददाता ने जब मऊ जिले का रुख किया और पड़ताल की तब उन्होंने यह पाया कि जिन कोटेदारों की साँठ गाँठ जिलापूर्ति कार्यालय में तैनात भ्रष्टाचार में लिप्त क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी मनोज कुमार सिंह (जिनको स्थान्तरण कर बाद अभी तक रिलीज नही किया गया) और पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय एवँ लिपिक धीरज कुमार अग्रवाल तथा जिलापूर्ति अधिकारी के अंतर्गत काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारी एवं चपरासी नारायण यादव व जिलापूर्ति अधिकारी से रही है, वो मनमाने ढंग से कार्ड एवं यूनिट बढ़ाकर राशन उठान कर सकते हैं। एवं भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा खुद फर्जी आधारकार्ड चढ़वा कर जिसमे कार्ड किसी और का और आधार नंबर किसी और का बनाकर राशन की कालाबाज़ारी कर भ्रष्टाचार किया जाता है, एवं शासन से जो कार्ड धारकों को तेल का आवंटन प्राप्त होता है उससे कम तेल दुकानदारों को देकर शेष तेल ब्लैक में बेचवाकर योगी शासन के मंशा के विपरीत, जिला खाद्यान्न विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर धन उगाही की जाती है।

मऊ जिले से भाजपा सांसद हरिनारायण राजभर एवं काबिना मंत्री दारा सिंह चौहान और भाजपा विधायक फागू चौहान और प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त किये गए मऊ जिले के प्रभारी नंद गोपाल नंदी तक को इस बड़ी अनियमितता और घोटाले के बारे में खबर ना होना योगी सरकार व मोदी सरकार का, जनता की समस्याओं का सीधा सरोकार न होना भी जिले के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे द्वारा उजागर की गई खाद्यापूर्ती विभाग की अनियमितता और कर्मचारियों के द्वारा किये गए भ्रष्टाचार में दिए गए अभिलेख एक अंश मात्र है। बाकी विभाग द्वारा की जा रही अनियमिताओं की जाँच गहन तरीके से कराई जाए तो गोण्डा और फतेहपुर जिले की तरह खाद्यान्न विभाग द्वारा किये जा रहे घोटाले की जद में बहुत से बड़े नाम सामने आएंगे। हमारे संवाददाता द्वारा वर्तमान जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी से टेलीफोन द्वारा बात करने पर उनके द्वारा सटीक जवाब न देते हुए उलटा अपने पद का रौब दिखाते हुए शिकायकर्ता को फंसा देने की बात कही गयी जब अधिकारियों का रुख ऐसा रहेगा तो जिले की जनता को इस तरह की अनियमितता और घोटालों की आदत डाल लेनी चाहिए। गौरतलब है कि पहले ही इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के जनता दर्शन में शिकायत की गई है एवं स्थानिय भाजपा सभासद दिनेश कुमार सिंह वार्ड नं०6 द्वारा शिकायत्पात्र के माध्यम से उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है जो कि प्रमुख सचिव,खाद्य तथा रसद विभाग,उ०प्र०शासन एवं आयुक्त,खाद्य तथा रसद विभाग,उ०प्र० जवाहर भवन,लखनऊ द्वारा जांच पार्थ अच्युत, उपायुक्त(खाद्य) वाराणसी मण्डल, वाराणसी, के पास विचाराधीन है। इस प्रकरण में खाद्यान्न विभाग द्वारा ही जांच कराना शासन की मंशा पर प्रश्नचिन्ह है।

@Pushpen40953031

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Pushpendra Pratap singh

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