Friday, March 29, 2024
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सुषमा स्वराज बोली- पासपोर्ट के लिए जरूरी नहीं मैरिज सर्टिफिकेट!

SI News Today
Sushma Swaraj Bid: No matrise certificate required for passport!

लखनऊ पासपोर्ट विवाद का असर अब भी देखने को मिल रहा है. मैरिज सर्टिफिकेट की वजह से पैदा हुए इस विवाद के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यह घोषणा की है कि पासपोर्ट लेने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. विदेश मंत्री ने कहा कि कई विवाहित पुरुषों और महिलाओं ने यह शिकायत की थी कि पासपोर्ट के लिए पासपोर्ट ऑफिस में मैरिज सर्टिफिकेट देना जरूरी है. हम इस नियम को खत्म कर चुके हैं. कुछ तलाकशुदा महिलाओं ने शिकायत की कि उन्हें अपने पूर्व पति का नाम भरने को कहा जाता था.

2017 में भी मैरिज सर्टिफिकेट को लेकर नियमों में बदलाव किए गए थे. तब किए गए बदलावों के मुताबिक तलाकशुदा या अलग रह रहे शादीशुदा लोगों के लिए मैरिज सर्टिफिकेट या डायवोर्स सर्टिफिकेट की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी. साथ ही अगर कोई आवेदक अपने पति या पत्नी का नाम पासपोर्ट में डालना चाहता था तभी मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत थी.

क्या था पूरा मामला
20 जून को लखनऊ स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र में मोहम्मद अनस सिद्दकी और उनकी पत्नी तन्वी सेठ अपना पासपोर्ट बनवाने पहुंचे थे. अनस ने दावा किया था, ‘ मुझसे पहले मेरी पत्नी की बारी आई. वह C5 काउंटर पर गई, तो विकास मिश्रा नाम का एक ऑफिसर उसके डॉक्यूमेंट्स चेक करने लगा. जब उसने स्पाउस (पति/पत्नी के नाम) कॉलम में मोहम्मद अनस सिद्दीकी लिखा देखा, तो मेरी पत्नी पर चिल्लाने लगा. ऑफिसर का कहना था कि उसे (मेरी पत्नी को) मुझसे शादी नहीं करनी चाहिए थी. मेरी बीवी रो रही थी. जिसके बाद ऑफिसर ने उससे कहा कि वो सारे डॉक्यूमेंट्स में सुधार कर दोबारा आए.’

हालांकि विकास मिश्रा ने खुद पर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने तन्वी सेठ के निकाहनामे में मुस्लिम और एप्लीकेशन में हिंदू नाम होने पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि तन्वी से उनके निकाहनामे में लिखे नाम शादिया अनस का ही प्रयोग करने को कहा था, जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया. विकास मिश्रा का कहना था कि हमें इस बात की सघनता से जांच करनी पड़ती है कि कोई भी व्यक्ति पासपोर्ट के लिए अपना नाम तो नहीं बदल रहा.

इस विवाद के बाद विकास का सुषमा ने विकास के तबादले का आदेश दिया था. इसके बाद कई लोग ट्विटर पर विकास के पक्ष में उतर गए और इस फैसले के लिए सुषमा स्वराज की ट्विटर पर कड़ी निंदा की और उन्हें ट्रोल किया गया. लोगों का कहना था कि विकास मिश्रा ने मैरिज सर्टिफिकेट मांगकर कोई गलती नहीं की थी.

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