Friday, April 19, 2024
गोण्डा

मऊ जिलापूर्ति कार्यालय में तैनात कर्मचारियों द्वारा हो रहे भ्रष्टाचार पर अब भी खामोश UP सरकार

SI News Today

@UPGovt still silent on the corruption done by the employees posted in the Mau District Supply Office.

     

मऊ जिले में कई सालों से हो रहे भ्रष्टाचार को हमारे द्वारा सबूतों के साथ उजागर किये जाने पर भी विभाग के अधिकारी व विभाग संबंधित नेताओं ने इस मसले पर नज़रें इनायत कर रखीं हैं। आलम तो यह है कि तमाम शिकायत के उपरांत भी विभाग के नामित व सालों से भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों द्वारा अभी भी शिकायकर्ताओं को शिकायत वापस लेने हेतु तरह – तरह के प्रलोभन देने का प्रयास किया जा रहा है। जिले के परदहां वार्ड नं०6 से भाजपा के सभासद दिनेश कुमार सिंह द्वारा की गई शिकायत के साथ ही उसी क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता व निलंबित सस्ते गल्ले दुकान के कोटेदार अनिल कुमार श्रीवास्तव ने भी विभाग में हो रही कमीशन खोरी से परेशान होकर  श्री  से जांच की मांग की है। जिसके उपरांत विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर तरह-तरह का उत्पीड़न किया जा रहा है व वर्तमान जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा इनको फसाये जाने की धमकी भी दी जा रही है। अनिल कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने विभाग में तैनात पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय एवँ लिपिक धीरज कुमार अग्रवाल तथा जिलापूर्ति अधिकारी के अंतर्गत काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारी एवं चपरासी नारायण यादव को कमीशन देने से मना किया जिस वजह से इनको दुकान पर यूनिट के सापेक्ष कम गल्ला दिया गया व सूचना दिये बिना ही इनकी तेल आपूर्ति भी रोक दी गयी। जब इन्होंने विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जिलापूर्ति अधिकारी को लिखित में दिनांक 14/05/2018 को एक शिकायत्पत्र देते हुए वितरण मशीन विभाग को जमा करा दी और पूरे मामले को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री के समक्ष ले जाने की बात कही तब घबराए विभाग के अधिकारियों ने 21/05/2018 को अपनी साख बचाने के लिए अनिल श्रीवास्तव की सस्ते गल्ले की दुकान, जिसको वह एक सप्ताह पहले ही सरेंडर कर चुके थे उसको निलंबित करने का खेल रचा। लेकिन फिर भी अनिल कुमार श्रीवास्तव अपनी बात पर अडिग रहे व 30/05/2018 को मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी शिकायत व विभाग का काला चिठ्ठा लेकर प्रस्तुत हुए जिस पर अभी कार्यवाही लंबित है। विभाग द्वारा अपने को फंसता देख विभाग ने अनिल कुमार श्रीवास्तव को प्रलोभन देने के लिए निलंबित दुकान के आंकड़ों में हेरा फेरी करते हुए 15/06/2018 को कार्ड व यूनिट में बढ़ोतरी कर के मामले को खत्म करने की बात की और विभाग के द्वारा यह बात भी पहुंचाई गई कि यदि वह शिकायत वापस ले लें तो उनको और भी फायदा पहुंचाया जाएगा। लेकिन शिकायकर्ता के न मानने पर विभाग ने पुनः निलंबित दुकान के कार्ड व यूनिट में पहले से भी ज्यादा घटोत्तरी करके भ्रष्टाचार का घिनौना खेल खेला।

नीचे तालिका में देखने पर या साफ दिखता है कि विभाग की मंशा क्या है और इस विभाग में भ्रष्टाचार किस तरह से घर किये हुए है-
1- अनिल कुमार श्रीवास्तव के सस्ते गल्ले की दुकान के निलंबन से पहले- कार्ड की संख्या० – 272 व यूनिट संख्या० – 1318
2- दुकान निलम्बन के एक महीने बाद 15/06/18 को शिकायत वापस लेने हेतु प्रलोभन देने के लिए कार्ड व यूनिट में बढ़ोत्तरी- कार्ड संख्या० – 278 व यूनिट संख्या० – 1586
3- अनिल कुमार श्रीवास्तव द्वारा शिकायत वापस न लिए जाने पर एक सप्ताह बाद 21/06/18 को कार्ड संख्या० बढ़ा कर यूनिट में पुनः कमी – कार्ड संख्या० – 281 व यूनिट संख्या० – 875

अब इस तरह के भ्रष्टाचार पर भी विभाग के बड़े अधिकारियों की चुप्पी रहस्यमय होने के साथ संदेहास्पद भी है। और भाजपा सभासद दिनेश कुमार सिंह द्वारा हमें बताया गया कि यहां विभाग में कार्ड किसी और का और आधार किसी और का चढ़ा कर बड़े पैमाने पर खाद्यान की चोरी की जा रही है। फिलहाल इन दो शिकायकर्ताओं द्वारा मऊ जिलापूर्ति कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश शासन, राज्यमंत्री खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश सरकार,उपमुख्यमंत्री  व मऊ जनपद के प्रभारी मंत्री तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष , प्रमुख सचिव,खाद्य तथा रसद विभाग,उ०प्र०शासन,एवं आयुक्त,खाद्य तथा रसद विभाग,उ०प्र० जवाहर भवन,लखनऊ से की गई है। जिसमे उन्होंने पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय, एवं लिपिक धीरज कुमार अग्रवाल तथा सालों से जिला पूर्ति अधिकारी का करीबी चपरासी नारायण यादव द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की जांच मांग की है। विभाग ने जांच पार्थ अच्युत,उपायुक्त(खाद्य) वाराणसी मण्डल, वाराणसी, को सौंप कर जांच कराने का आश्वासन दे कर प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया है तथा विभाग निरन्त अपने भ्रष्ट कर्मचारियों को बचाने के जद्दोजहद में लगा हुआ है। अब देखना यह है कि एक तरफ जहां भारत मे करोड़ों लोग भूखे पेट सोते हैं वहीं दूसरी तरफ इस तरह के भ्रष्ट कर्मचारी जो गरीब और मजलूमों के निवाले को बेच कर अपनी जेबें गर्म करते आएं ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी व मामले को लंबित कर उसको दबाने के प्रयास में निरंतर लगे पार्थ अच्युत, उपायुक्त(खाद्य) वाराणसी मण्डल, वाराणसी को किस प्रकार सचेत किया जाएगा। एक तरफ विपक्ष द्वारा सरकार की कार्यप्रणाली को लचर साबित करने में लगा है और दूसरी तरफ़ इस तरह का खुला भ्रष्टाचार आने वाले 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा के जनाधार को बेशक प्रभावित करेगा और जनता को भी इस बात का इल्म है कि उसके लिये अत्यंत जरूरी क्या है राममंदिर या दो वक्त की रोटी।

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Pushpendra Pratap singh

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