DMRC workers strike stopped by Delhi HC!
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली मेट्रो के कर्मियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है. वे वेतनमान में बढ़ोतरी सहित कई मुद्दों को लेकर शुक्रवार(29 जून) को मध्य रात्रि से हड़ताल पर जाने वाले थे. न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने त्वरित सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या मेट्रो कर्मचारियों की प्रस्तावित कार्रवाई उचित या कानूनी प्रतीत नहीं होती. अदालत ने कहा कि डीएमआरसी जनसुविधा के तहत रोजाना करीब 25 लाख दिल्ली निवासियों को सेवा मुहैया कराती है. इसके लिए डीएमआरसी को पर्याप्त नोटिस नहीं दिया गया और समझौता प्रक्रिया अब भी जारी है.
इससे पहले भी मेट्रो के नॉन-एग्जीक्यूटिव कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी. हड़ताल शुरू होने के कुछ घंटों पहले ही डीएमआरसी प्रबंधन से बात बनने के कारण यह कैंसिल हो गई थी. जिसके कारण मेट्रो की सेवाओं पर असर नहीं पड़ा था. यह हड़ताल रद्द होने के बाद से ही कर्मचारी, प्रबंधन पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. डीएमआरसी ने त्वरित याचिका दायर की जिसे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया. उन्होंने इसे सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति सांघी के पास भेज दिया. न्यायाधीश ने अपने पांच पन्ने के आदेश में कहा, ‘‘मैं आवेदन की मांग के मुताबिक अंतरिम राहत देने के लिए इच्छुक हूं. इसी मुताबिक प्रतिवादियों (कर्मचारियों) को 30 जून को या मामले में अगले आदेश तक हड़ताल पर जाने से रोका जाता है.’’
उधर, डीएमआरसी के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की चेतावनी के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनकी सरकार दिल्ली मेट्रो का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लगा सकती है. इससे पहले, डीएमआरसी के अधिकारियों और डीएमआरसी स्टॉफ परिषद के प्रतिनिधियों के बीच आज दो दौर की वार्ता ‘‘विफल’’ रही थी. डीएमआरसी में लगभग 12,000 लोग कार्यरत है जिनमें लगभग नौ हजार गैर- कार्यकारी कर्मचारी हैं.