Wednesday, April 17, 2024
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पिता-बेटी ने अपनी सूझ-बूझ से बचाई 2000 लोगों की जान, टला रेल हादसा..

SI News Today
Father and daughter saved their lives with the knowledge of life, death of 2000 people.

जंगल में लकड़ियां काटकर अपना पेट पालने वाले स्वप्न देब बर्मा और उसकी बेटी सोमती ने रेलवे ट्रैक में आए दरार के बारे में ट्रेन के लोकोपायलट ड्राइवर को शर्ट लहराकर बताया। त्रिपुरा के स्वास्थ मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने दोनों को अपने घर बुलाया और अपने घर पर नाश्ता कराया। आए दिन नकारात्मक खबरों को देखकर, पढ़कर और सुनकर ऐसा लगता है कि इंसानियत बची भी है कि नहीं। अगर आपको भी ऐसा कुछ लगता है तो इस खबर को पढ़िए। एक गरीब पिता और उसकी बेटी ने जो इंसानियत की खातिर किया है, वह तारीफ के काबिल है। त्रिपुरा के अगरतला में गरीब पिता-पुत्री की जोड़ी ने 2000 लोगों की जान बचाई है। उनकी सूझबूझ से एक बड़ा रेल हादसा होने से बच गया।

स्वप्न देब ने पहले अपना शर्ट लहराकर ट्रेन के ड्राइवर को सचेत करने की कोशिश की, लेकिन जब वो उसके इशारे को नहीं समझ पाया तो बिना डरे वो अपने शर्ट को लहराता हुआ रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की ओर दौड़ने लगा। अगरतला के इस दिहाड़ी मजदूर स्वप्न देब बर्मा और उसकी बेटी सोमती ने 15 जून को रेलवे ट्रैक में आई बड़ी दरार को देखा। दोनों उस वक्त लकड़ियां इकट्ठा कर रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर रेलवे की पटरियों पड़ी। पटरियाों में भूस्खलन की वजह से बड़ी दरार आ गई थी। तभी सामने से एक तेज रफ्तार ट्रेन आती उन्हें दिखी।

अगर ट्रेन अगर उस पटरी से गुजर जाती तो एक बड़ा रेल हादसा हो जाता। लोगों ने पिता और बेटी की बहुत प्रशंसा की। उनकी बहादुरी को सलाम करते हुए 21 जून को त्रिपुरा सरकार में मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने दोनों को सम्मानित किया। मंत्री जी ने दोनों को अपने घर पर आमंत्रित किया और दोनों के साथ मिलकर नाश्ता किया। बता दें कि क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भी उनकी फोटो को शेयर करते हुए उन्हें असली हीरो बताया है। वह जरा भी डरा नहीं और ट्रेन की ओर दौड़ता चला गया। उसके दिमाग में केवल एक बात थी कि कई लोगों की जान इस हादसे में जा सकती है। ट्रेन का ड्राइवर समझ गया कि आगे कुछ खतरा हैं और उसने फौरन इमरजेंसी ब्रेक लगा दी।

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