Friday, March 29, 2024
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पासपोर्ट मामले में असभ्य ट्रोलर्स के लिए सुषमा स्वराज ने कराया पोल..

SI News Today
Sushma Swaraj made polar for rude trollers in passport case.

@SushmaSwaraj

लखनऊ में हिन्दु-मुस्लिम कपल के पासपोर्ट से संबंधित विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर अपशब्दों का सामना कर रहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने टि्वटर पर एक पोल किया. इसमें उन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों से पूछा था कि क्या वे इस तरह की ‘ट्रोलिंग’ को स्वीकृति देते हैं. इस पर 57 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इसका विरोध करते हैं.

24 घंटे तक चले इस पोल में 1,24,305 लोगों ने हिस्सा लिया. इसमें 57 प्रतिशत लोगों ने सुषमा का समर्थन किया तो 43 प्रतिशत लोगों ने ट्रोल्स का समर्थन किया. विदेश मंत्री के पति स्वराज कौशल ने एक ट्रोलर को दिए भावुक जवाब में कहा कि ट्विटर यूजर्स के कड़े शब्दों से उनके परिवार को ‘असहनीय दर्द’ मिला है. पोल के बाद सुषमा ने हिन्दी कवि नीरज की कुछ पंक्तियों को ट्वीट किया. उन्होंने साथ ही कहा, “लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है. आलोचना अवश्य करो. लेकिन अभद्र भाषा में नहीं. सभ्य भाषा में की गई आलोचना ज्यादा असरदार होती है.”

दरअसल विदेश मंत्री पिछले कई दिनों से ट्विटर पर ट्रोल हो रहीं थी, लेकिन शनिवार को यह मामला तब आगे बढ़ गया जब सुषमा के पति ने एक टि्वटर यूजर के एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया, जिसमें उनसे कहा गया है कि वह ‘उनकी (सुषमा) पिटाई करें और उन्हें मुस्लिम तुष्टीकरण न करने की बात सिखाएं.’ सुषमा स्वराज ने हिन्दू-मुस्लिम कपल के पासपोर्ट मामले में पासपोर्ट सेवा केंद्र के अधिकारी विकास मिश्रा के तबादले को लेकर अपने खिलाफ किए जा रहे कुछ अपमानजनक ट्वीट को रि-ट्वीट किया था. शनिवार रात को उन्होंने ट्विटर पर पोल शुरू किया था और लोगों से पूछा था कि क्या इस तरह की ट्रोलिंग उचित है?

सुषमा के पति कौशल ने ट्वीट किया, “आपके शब्दों ने हमें असहनीय दुख दिया है. आपको एक बात बता रहा हूं कि मेरी मां का 1993 में कैंसर से निधन हो गया. सुषमा एक सांसद और पूर्व शिक्षा मंत्री थीं. वह एक साल तक अस्पताल में रहीं. उन्होंने मेडिकल अटेंडेंट लेने से मना कर दिया और मेरी मरती मां की खुद देखभाल की.”

सुषमा को ट्वीट के जरिए निशाना बनाने वाले व्यक्ति को जवाब देते हुए जाने माने वकील ने कहा, “परिवार के प्रति उनका (सुषमा) इस तरह का समर्पण है. मेरे पिता की इच्छा के अनुरूप उन्होंने (सुषमा) मेरे पिता की चिता को मुखाग्नि दी. कृपया उनके लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल न करें. हम कानून और राजनीति में पहली पीढ़ी हैं. हम उनके जीवन से ज्यादा किसी और चीज के लिए प्रार्थना नहीं करते. कृपया अपनी पत्नी को मेरी ओर से सम्मान दें.”

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