Campaign to evacuate children stranded in cave: Thailand
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थाईलैंड में दो हफ्तों से ज्यादा गुफा में फंसे बच्चों और कोच को बचाने का खतरनाक मिशन शुरू हो गया है। सभी बच्चे उत्तरी थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में फंसे हुए हैं। उन्हें बचाने का काम रविवार को शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि रात के 9 बजे तक पहले बच्चे को गुफा से बाहर निकाल लिया जाएगा। इसके लिए 13 विदेशी गोताखोर और थाईलैंड की एलीट नेवी सील के पांच सदस्यों की एक टीम बनाई गई है। कुछ लड़कों की उम्र लगभग 11 साल की है जो कमजोर गोताखोर हैं। इस मिशन में शामिल सेना के एक कमांडर ने बताया कि सभी बच्चों को बाहर निकालने में 2 से 4 दिनों का समय लग सकता है। मिशन के मुखिया ने कहा कि बचाव दल ने अपनी योजना की कई बार रिहर्सल की थी। उन्होंने कहा, ‘यदि हम इंतजार करेंगे और आने वाले दिनों में बारिश शुरू हो गई तो इतने दिनों से पानी निकालने में लगी हमारी सारी मेहनत बर्बाद हो जाएगी। ऐसा होने पर हमें स्थिति के बारे में फिर से सोचना पड़ेगा। आने वाले हफ्तों में मौसम के खराब रहने के आसार हैं।’
गोताखोरों को गुफा का एक चक्कर पूरा करने में 11 घंटों का समय लग सकता है। दो गोताखोर मिलकर एक बच्चे को बाहर निकालेंगे। इससे पहले बच्चों को बचाने में थाईलैंज के एक नेवी गोताखोर की मौत हो गई थी। इस बचाव अभियान के मुखिया नारोनगसान ओसोतानकोन ने कहा आज एक महत्वपूर्ण दिन है। आज सुबह स्थानीय समयानुसार 10 बजे 15 विदेशी गोताखोर और 5 थाइलैंड नेवी सील कमांडर गुफा के अंदर बच्चों को बचाने के लिए गए हैं। पहला बच्चा जिसने कि 15 रातें इस गुफा में गुजारी हैं उसे रात के 9 बजे तक बाहर निकाला जा सकता है। गुफा में फंसे लड़कों की उम्र 11 और 16 के बीच की है। सभी अपने 25 साल के सॉसर कोच के साथ प्रैक्टिस करने के लिए 23 जून को निकले थे। इसके बाद वह म्यांमार के पास स्थित गुफा को एक्सप्लोर करने के लिए और एक लड़के का जन्मदिन मनाने के लिए चले गए। जहां भारी बारिश के कारण वह फंस गए। गुफा के बाहर रखी साइकिल की वजह से उनके वहां होने का पता चला था।
मिशन के मुखिया नारोनगसान ने शनिवार को बताया था कि अगले तीन या चार दिनों की स्थिति बचाव कार्य के लिए एकदम ठीक है। राहत मिशन के मुखिया ने बताया कि दोबारा बारिश होने और कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर बढ़ने से पहले ही बच्चों को आने वाले दिनों में निकाला जा सकता है। बचाव मिशन में शामिल एक ऑस्ट्रेलियन डॉक्टर ने शनिवार रात को बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया और उसके बाद बचाव कार्य को हरी झंडी दे दी।