Nirbhaya Gangrepe Case SC convicts hanging.
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बहुचर्चित निर्भया गैंगरेप मामले में कुल छह दोषी थे, बस चालक राम सिंह (मुख्य आरोपी/आत्महत्या), उसका भाई मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर और एक नाबालिग आरोपी राजू (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 3 साल बाद रिहा कर दिया)। ये निर्मम घटना तब हुयी जब वो अपने मित्र अवींद्र प्रताप पांडेय के साथ एक प्राइवेट बस में यात्रा कर अपने घर वापिस आ रही थी। दिल्ली हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट ने पिछले साल इस मामले में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी।
लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति R Banumathi और अशोक भूषण की एक खंडपीठ मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिका पर अपना फैसला देते हुए निर्भया के बलात्कार-सह-हत्या के चारों अभियुक्तों की मौत की सजा को बरकरार रखा है। SC के मई 2017 के सभी चारों की ओर से मौत की सजा के खिलाफ फैसले की समीक्षा के लिए चार अभियुक्तों में से तीन की याचिकाओं को खारिज कर दिया गया। अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अपराध की “क्रूर, बर्बर और पैशाचिक प्रकृति” एक सभ्य समाज को नष्ट करने के लिए “tsunami of shock” बना सकती है।
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आज CJI दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और R Banumathi के बेंच ने नोट कराया कि – समीक्षा याचिका के तहत अपने मामले को फिर से बहस करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। 16 दिसंबर, 2012 को 23 वर्षीय पैरामेडिक छात्रा निर्भया के बलात्कार-सह-हत्या के मामले में परिवार वालों को सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्भया मामले में समीक्षा याचिका खारिज करते हुए चारों अभियुक्तों के लिए मौत की सजा की पुष्टि कर दी है।
आशा देवी, निर्भया की माँ ने कहा है कि- “हमें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी याचिका सुनी और जो भी हो, उसका फैसला किया। अभियुक्तों को दी गई सजा अनुकरणीय और उदाहरण योग्य होगी।”