Friday, March 29, 2024
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नितिन गडकरी: सुषम की सोशल मीडिया ट्रोलिंग पूरी तरह अनुचित थी!

SI News Today
Nitin Gadkari: Social media trolling of Sushma was completely unfair!

मंत्री नितिन गडकरी ने बातचीत करते हुए कई मुद्दों पर खुलकर अपना पक्ष रखा. मीडिया की कार्य पद्धति, पासपोर्ट के मुद्दे पर सुषमा स्वराज को ट्रोल करना, फिल्म संजू से लेकर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और गिरिराज सिंह द्वारा मॉब लिंचिंग के आरोपियों के प्रति सिम्पैथी दिखाने तक के मुद्दे पर अपने विचार रखे. संजय सिंह- सुषमा स्वराज को जिस तरह से ट्रोल किया गया और यह बात मीडिया में भी प्रमुखता से उठी, आपने खुल कर उनके समर्थन में बोला लेकिन पार्टी और सरकार के तरफ से प्रॉपर सपोर्ट नहीं मिला. क्या आपको लगता है कि यह विवाद अनुचित था या सुषमा जी ने जो किया वो सही था?

नितिन गडकरी– पहली बात यह पूरा विवाद 100 प्रतिशत अनुचित था. जब यह सब हुआ तब सुषमा जी देश से बाहर थीं. इस मामले में जैसे-जैसे सूचना आई उसे देखकर सुषमा जी ने तुरंत जांच का आदेश दिया. अब भी जांच चल रही है. महिला को पासपोर्ट इश्यू करना बिल्कुल सही है. सुषमा जी का क्या दोष है? उनको ट्रोल करना सही नहीं था.

नितिन गडकरी– मीडिया के काम करने के तरीके के ऊपर एक पिक्चर आई है. जरूर देखिए. मीडिया ने कैसे लोगों का सत्यानाश किया, कितने अच्छे लोगों का जीवन बर्बाद किया. प्रश्नवाचक चिन्ह लगाकर जीवन बर्बाद किया. मैं सारी कहानी जानता हूं. एक बाला साहेब ठाकरे मर्द व्यक्ति थे. उस समय परिस्थितियां खराब थीं. उसकी गलती इतनी थी कि उसके एक दोस्त ने उसे एके 47 हथियार दिया और उसने उसे अपने घर में रखा. इसके लिए उसे कोर्ट से सजा भी हुई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में साफ कहा था कि यह टेररिस्ट नहीं है और न ही उसका किसी टेररिस्ट ग्रुप से कोई संबंध है. ऐसे अनेक लोगों के जीवन को जैसे बैंक, बैंकों के चेयरमैन को और ऐसे ही कई लोगों पर जिसका कोई आधार नहीं होता वह लिखा जाता है. वैसे ही जो सुषमा जी के साथ हुआ वह सरासर गलत है. ऐसा होना ठीक बात नहीं है.

नितिन गडकरी– हम एयरपोर्ट जाते हैं. 25 लोग पास में आकर फोटो लेते हैं, हम किसे मना करेंगे. हर आदमी की च्वाइस है और इससे कोई गलत साबित नहीं होता. कौन किससे मिला, किसने माला पहनाई. ये क्या देश की एकता, अखंडता और भविष्य का विषय है. सबके पास संविधान से मिली हुई आजादी है. कोई पत्थर को पूजता है और कोई कुछ और. इसे पब्लिक इश्यू बनाने का तुक नहीं है. ऐसे बहुत विवादित विषय हैं और होते हैं. कौन किससे मिले और किसके साथ बैठे यह अपनी पसंद है. आजकल हम लोगों के व्यक्तिगत जीवन में ज्यादा घुस रहे हैं.

संजय सिंह– फिलहाल एक और गरम मुद्दा मॉब लिंचिंग का है. केंद्र सरकार के दो मंत्री जयंत सिन्हा और गिरिराज सिंह मॉब लिंचिंग के आरोपियों से मिले, उनलोगों को दिलासा दी, अच्छी बातें की, माला पहनाई और मिठाई खिलाई. वह भी सरकार में रहते हुए और तब जब बिहार और झारखंड में आपकी ही सरकार है. यह क्या विरोधाभास है?

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