Thursday, April 25, 2024
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सुप्रीम कोर्ट: सोशल मीडिया हब का गठन ‘निगरानी राज’ बनाने जैसा…

SI News Today

Supreme Court: The formation of a social media hub as ‘monitoring rule’ …

सुप्रीम कोर्ट ने डाटा निगरानी के लिए सोशल मीडिया हब गठित करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली तृणमूल विधायक की याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा. उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया हब पर केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली तृणमूल विधायक महुआ मोइत्रा की याचिका पर अटॉर्नी जनरल से सहायता मांगी. उच्चतम न्यायालय ने ऑनलाइन डेटा पर निगरानी करने के लिए सोशल मीडिया हब के गठन के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निर्णय पर सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि यह ‘‘निगरानी राज बनाने जैसा’’ होगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर एवं न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक महुआ मोइत्रा की याचिका पर केन्द्र को नोटिस जारी किया साथ ही इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से सहयोग मांगा.

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि सरकार नागरिकों के व्हाट्सएप संदेशों को टैप करना चाहती है और उससे दो सप्ताह में जवाब मांगा है. मोइत्रा ने अदालत में याचिका दायर कर कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम निगरानी के नाम पर लोगों की निजता पर प्रहार है. चीफ जस्टिस ने मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. कोर्ट ने केंद्र को 2 सप्ताह में जवाब देने को कहा है. याचिकाकर्ता महुआ मोइत्रा का कहना है कि केन्द्र सरकार सोशल मीडिया की निगरानी के लिए ये कार्यवाही कर रही है, जिसके बाद ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम व ईमेल में मौजूद हर डेटा पर सरकार की पहुंच हो जाएगी, जोकि निजता के अधिकार का यह उल्लंघन होगा, इससे हर व्यक्ति की निजी जानकारी को भी सरकार खंगाल सकेगी. इसमें जिला स्तर तक सरकार डेटा को खंगाल सकेगी.

दरअसल, हाल में केंद्रीय मंत्रालय के तहत काम करने वाले पीएसयू ब्रॉडकास्ट कंसल्टेंट इंडिया लि. (बीईसीआइएल) ने एक टेंडर जारी किया है, जोकि 20 अगस्त को खुलना है. टेंडर में एक सॉफ्टवेयर की आपूर्ति के लिए निविदाएं मांगी गई हैं. सरकार इसके तहत सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाओं को एकत्र करेगी. अनुबंध आधार पर जिला स्तर पर काम करने वाले मीडियाकर्मियों के जरिए सरकार सोशल मीडिया की सूचनाओं को एकत्र करके देखेगी कि सरकारी योजनाओं पर लोगों का क्या रुख है. सरकार का मानना है कि समाचारों का रुझान किस तरफ है, लोग सरकार के फैसलों से कितना प्रभावित हो रहे हैं, इससे सरकार को सही फीडबैक मिलेगा और फिर वह योजनाओं में तब्दीली करके उन्हें और ज्यादा जन उपयोगी बना सकेगी.

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