Taliban ahead of Buddha statue in Pakistan!
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पाकिस्तान के स्वात में एक चट्टान पर उकरी हुई बुद्ध की प्रतिमा को 2007 में पाकिस्तानी तालिबान ने तोड़ दिया था। अब इस प्रतिमा को फिर से स्थापित किया गया है, यह प्रतिमा अब स्वात घाटी में सहिष्णुता का शक्तिशाली प्रतीक के तौर पर उभर रही है। पाकिस्तान की स्वात घाटी के जहानाबाद इलाके 7 वीं शताब्दी में ग्रेनाइट पर्वत पर उकेरी गई, कमल आसन की मुद्रा में बुद्ध की प्रतिमा थी। इस प्रतिमा को 2007 में तालिबानियों ने अफगानिस्तान के बामियान बुद्ध की तर्ज पर डायनामाइट से उड़ा दिया था। हिंसा के आघात से प्रभावित इस इलाके में सहनशीलता की मिसाल कायम करते हुए इस प्रतिमा को दोबारा बहाल कर लिया गया है।
2001 के बामियान की तर्ज पर 2007 में इस प्रतिमा को डायनामाइट से उड़ाने की कोशिश की गई थी, जिससे इस प्रतिमा को काफी नुकसान पहुंचा था। कुछ लोगों की नजर में यह एक बर्बरतापूर्ण कृत्य था। कट्टरपंथियों ने इस इलाके की ऐतिहासिक पहचान और संस्कृति को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। स्वात में बुद्धिजम के एक एक्सपर्ट 79 साल के परवेश शाहीन ने कहा, ‘मुझे लगा जैसे उन्होंने मेरे पिता की हत्या कर दी हो। उन्होंने मेरी संस्कृति और मेरे इतिहास पर हमला किया है।’ वहां अब इटली की सरकार सैकड़ों पुरातत्व महत्व की जगहों को संरक्षित करने में मदद कर रही है। स्थानीय अथॉरिटी को उम्मीद है कि इस जगह को इटली सरकार की मदद से फिर से पुनर्जिवित कर लिया जाएगा, इसके बाद यहां का टूरिजम भी बढ़ेगा।
करीब एक दशक पहले आतंकी 20 फुट ऊंची प्रतिमा के ऊपर चढ़े और उस पर विस्फोटक रख दिया, इससे प्रतिमा का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, बुद्ध की प्रतिमा का चेहरा उसमें क्षतिग्रस्त हुआ था। शाहीन के लिए यह प्रतिमा ‘शांति, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है।’ शाहीन ने कहा, ‘हम किसी व्यक्ति या धर्म से नफरत नहीं करते हैं, किसी से नफरत करने का यह क्या तरीका है।’