Friday, April 19, 2024
featuredदुनियादेश

इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के परमाणु कार्यक्रमों के दस्तावेज रात के अँधेरे में कर दिेए गायब

SI News Today

Israeli intelligence agency Mossad documents documents of Iran’s nuclear program in the dark of night

 

इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के परमाणु कार्यक्रमों के दस्तावेज रात के अंधेर में छह घंटे से ज्यादा समय तक चले अॉपरेशन के बाद गायब कर दिेए थे। एक साल तक गोदाम की निगरानी करने के बाद इजरायल को यह पता लग गया था कि ईरानी गार्ड सुबह की शिफ्ट में 7 बजे आते हैं। ऐसे में एजेंटों को स्पष्ट आदेश दिए गए थे कि वे सुबह 5 बजे तक किसी भी कीमत पर गोदाम से निकल जाएं ताकि उनके पास भागने के लिए पर्याप्त समय रहे, क्योंकि एक बार ईरानी अधिकारियों के गोदाम में पहुंचने के बाद यह पता लग जाएगा कि किसी ने देश के गुप्त न्यूक्लियर आर्काइव को चुरा लिया है, जिसमें परमाणु हथियारों पर किए गए काम, उसके डिजाइन और प्रॉडक्शन प्लान के बारे में सालों का लेखा-जोखा है।

पहले ही लिखी जा चुकी थी स्क्रिप्ट
मोसाद को पता था कि तेहरान में मौजूद गोदाम में घुसने से पहले अलार्म को निष्क्रिय करने, दो दरवाजों को पार करने और दर्जन भर तिजोरियों के ताले तोड़कर उनमें मौजूद खुफिया दस्तावेज निकालने में उन्हें कितना समय लगेगा। यह सब करने में उन्हें कुल 6 घंटे 29 मिनट का समय लगा। हर कदम की स्क्रिप्ट पहले ही लिखी जा चुकी थी।

तोड़नी थी 32 तिजोरियां
इस साल 31 जनवरी की रात इजरायली एजेंट टॉर्च के साथ गोदाम में पहुंचे। ये टॉर्च 3600 डिग्री पर जल रहे थे। ऑपरेशन की प्लानिंग के दौरान ही एजेंटों को पता था कि उन्हें 32 ईरानी तिजोरियां तोड़नी हैं लेकिन उन्होंने कई को छुआ तक नहीं और सबसे पहले उस तिजोरी को तोड़ा जिसमें सबसे महत्वपूर्ण डिजाइन थे। समय पूरा होते ही ये एजेंट सीमा की तरफ भागे और अपने साथ 50 हजार पन्ने, 163 मेमोज वाली कॉम्पैक्ट डिस्क, वीडियो और प्लान ले गए।

ट्रंप को अप्रैल में दी गई जानकारी
अप्रैल के आखिर में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने व्हाइट हाऊस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जानकारी देने के बाद इस चोरी से हासिल दस्तावेजों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह एक और कारण है जिसकी वजह से ट्रंप को साल 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से बाहर हो जाना चाहिए। दस्तावेजों से ईरान की धोखाधड़ी और उसके दोबारा बम बनाने का इरादा साफतौर पर दुनिया के सामने है। कुछ दिन बाद, ट्रंप ने ईरान समझौते से अलग होने का ऐलान कर दिया। यह एक ऐसा कदम था जिसके बाद अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों के रिश्तों में भी तनाव आ गया।

पंद्रह साल पुराने हैं दस्तावेज
न्यूक्लियर इंजिनियर और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के पूर्व इंस्पेक्टर रॉबर्ट केली ने कुछ दस्तावेजों को देखने के बाद कहा, ‘इन दस्तावेजों से यह साफ पता लगता है कि ये लोग परमाणु बम बनाने के लिए काम कर रहे हैं।’ अभी तक इन दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकी है। इनमें से कई दस्तावेज तो 15 साल तक पुराने हैं। इजरायलियों ने यह दस्तावेज रिपोर्टरों को दिखाते समय यह भी कहा कि कुछ पन्ने इसलिए सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं ताकि किसी और के पास परमाणु हथियार बनाने से संबंधित जानकारी न पहुंचे।

ईरान ने चोरी की कहानी को फर्जी बताया
उधर, ईरान का कहना है कि यह पूरी कहानी फर्जी है। कुछ ईरानियों के मुताबिक, यह सबकुछ इजरायल जानबूझकर कर रहा है जिससे उनके देश पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए जाए। हालांकि अमेरिकी और ब्रिटिश खुफिया अधिकारियों ने इन दस्तावेजों को देखने और कुछ पुराने दस्तावेजों से तुलना करने के बाद माना है कि ये असली डॉक्युमेंट्स हैं।

इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के बारे में जानें
दुनिया की सबसे खूंखार और चतुर खुफिया एजेंसी के रूप में इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद को जाना जाता है, जिसके नाम पर पूरी दुनिया में कहानियां चलती हैं। मोसाद को इजराइल की किलिंग मशीन कहा जाता है। ये लोग इजराइल के दुश्मनों को पूरी दुनिया में खोज के मारते हैं। मारने का मकसद सिर्फ मारना ही नहीं होता बल्कि डर पैदा करना होता है कि इजराइल से किसी प्रकार का पंगा ना लो।

इसके बाद इजराइली सरकार और उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद भड़क गई। बदले के लिये प्लान किया जाने लगा। 11 लोग हिट लिस्ट में थे। फिर मोसाद ने जो काम किया वो फिल्मों की तरह था। फोन बम, नकली पासपोर्ट, उड़ती हुई कारें, जहर की सुई का इस्तेमाल हुआ। मोसाद एजेंटों ने कई देशों का प्रोटोकॉल तोड़ा। एजेंट मध्‍य पूर्व के कई देशों की सुरक्षा एजेंसियों में घुस गये थे। अपराधियों को चुन-चुन के मारा गया। अपने लक्ष्‍य को निपटाने के पहले मोसाद टारगेट की गई फेमिली को बुके भेजता था. जिस पर लिखा होता था- ये याद दिलाने के लिये कि हम ना तो भूलते हैं, ना ही माफ करते हैं। मोसाद के एजेंटों ने हर टारगेट को 11 बार गोली मारी। हर मरे हुये 11 इजराइली खिलाड़ियों की तरफ एक-एक गोली मारी। ये ऑपरेशन बीस साल तक चला। पूरे यूरोप में दुश्‍मनों को घूम-घूमकर मारा गया। इसी क्रम में नॉर्वे में एक वेटर गलती से मार दिया गया। इंटरनेशनल मीडिया में इसकी कड़ी निंदा हुई। मोसाद ने निंदा के बाद कई और मर्डर किये।

कोहेन की कलाई घड़ी को किया हासिल
एक साहसी ऑपरेशन में इजराइल की जासूसी एजेंसी मोसाद ने सीरिया से अपने लिजेंड्री जासूस एली कोहेन की कलाई की घड़ी को हासिल किया है। इसके माध्‍यम से इजराइल ने अपने प्रसिद्ध जासूस को सम्‍मान दिया है। कोहेन को 50 साल पहले पकड़ा गया था और सार्वजनिक रूप से सीरिया में फांसी दे दी गई थी

इजरायल ने चेताया था ईरानी वैज्ञानिकों को
ईरान के साथ परमाणु समझौते का विरोध कर रहे इजरायल ने दो वर्ष पहले अपरोक्ष रूप से तेहरान के परमाणु वैज्ञानिकों को चेतावनी दी थी। जर्मन पत्रिका डेर स्पीगल को दिए साक्षात्कार में इजरायल के रक्षा मंत्री मोशे यालोन ने कहा था कि ईरान के वैज्ञानिकों की जिंदगी को लेकर उनके देश की कोई जिम्मेदारी नहीं है। वे हर कीमत पर ईरान को परमाणु हथियार करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ईरान को अस्तित्व से जुड़ा खतरा करार देते हुए यालोन ने कहा कि इजरायल अपनी रक्षा के लिए हर तरीके से काम करेगा। परमाणु समझौते को ऐतिहासिक गलती बताते हुए उन्होंने कहा कि एक दिन इतिहासकार इसे ऐसी घटना के रूप में देखेंगे, जिसमें पश्चिमी रणनीतिकारों ने समस्या से निपटने के बजाय उसे टालने को प्राथमिकता दी। ईरान के कम से कम पांच परमाणु वैज्ञानिकों की अब तक हत्या की जा चुकी है। ज्यादातर की मौत कार बम धमाके में हुई है। हालांकि इजरायल इन हत्याओं में हाथ होने के आरोप को नकारता रहा है।

SI News Today

Leave a Reply