Friday, April 19, 2024
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CBSE शुरू करेगा इनक्रिप्टेड प्रश्न-पत्रों का इस्तेमाल!

SI News Today
CBSE will use encrypted question papers!

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए अगले साल से इनक्रिप्टेड प्रश्न-पत्रों का इस्तेमाल करेगा और इन प्रश्न – पत्रों की छपाई की जिम्मेदारी स्कूलों पर होगी. इनक्रिप्टेड प्रश्न – पत्रों का मतलब यह है कि उन्हें भेजने वाले (सीबीएसई) और उन्हें प्राप्त करने वाले (परीक्षा केंद्र) के बीच इन प्रश्न पत्रों को कोई देख नहीं पाएगा. अभी चल रही पूरक परीक्षाओं में इस कदम को पायलट परियोजना के तौर पर प्रयोग में लाया जा रहा है. इस साल मार्च में हुई बोर्ड परीक्षाओं में प्रश्न – पत्र लीक की घटनाओं के कारण सीबीएसई की काफी किरकिरी हुई थी. सीबीएसई उन परीक्षा केंद्रों को व्यवस्थागत समर्थन मुहैया कराने की भी योजना बना रहा है जिनमें छपाई और फोटो स्टेट की मशीनें पर्याप्त नहीं हैं.

बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने पत्रकारों को बताया, “हम पूरक परीक्षाओं के दौरान पायलट आधार पर इसका परीक्षण कर रहे हैं जिसमें परीक्षा से 30 मिनट पहले ईमेल के जरिए प्रश्न-पत्र दिए जाएंगे. पासवर्ड केंद्र के अधीक्षक को अलग से भेजे जाएंगे और केंद्रों में ही प्रश्न – पत्रों की छपाई और फोटो कॉपी होगी.” उन्होंने कहा, “हम परीक्षा केंद्रों के तौर पर सिर्फ बड़े स्कूलों का चयन करने जा रहे हैं जिनके पास पर्याप्त आधारभूत संरचना होगी. जहां इनकी कमी होगी , वहां हम एक एजेंसी की सेवा लेंगे जो उन्हें व्यवस्थागत सहयोग मुहैया कराएगी. छपाई का खर्च सीबीएसई द्वारा ही दिया जाएगा. मौजूदा प्रक्रिया और प्रस्तावित प्रक्रिया में खर्च में कोई बड़ा फर्क नहीं आएगा.”

बहरहाल, त्रिपाठी ने कहा कि पायलट आधार पर किए जा रहे परीक्षण और व्यवस्थागत मांगों के विश्लेषण के बाद ही अंतिम निर्णय किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम छोटे पैमाने पर इनक्रिप्टेड प्रश्न – पत्रों को भेजने की शुरुआत करने की संभावना पर भी विचार कर रहे हैं जहां छात्रों की संख्या कम हो. यह सब इस पर निर्भर करता है कि हम व्यवस्था के मोर्चे पर कितने तैयार हैं.” बीएसई के मुताबिक, करीब 500 छात्रों वाले एक केंद्र को एक विषय में प्रश्न-पत्रों के 8000 पन्नों की छपाई करनी होगी. त्रिपाठी ने कहा, “इसके लिए प्रिंटरों , इंटरनेट , फोटो कॉपी मशीनों , निर्बाध बिजली आपूर्ति या बिजली का वैकल्पिक इंतजाम होना चाहिए. 1200 केंद्रीय विद्यालय और 600 नवोदय विद्यालय हैं, जो आधारभूत ढांचे से लैस हैं. सीबीएसई को करीब 4500 केंद्रों की जरूरत है , लेकिन इस व्यवस्था में केंद्रों की संख्या में थेाड़ी कमी आ सकती है.”

उन्होंने कहा, “हम पहले ऐसे केंद्रों को देखेंगे जिनके पास ज्यादा क्षमता और जरूरी व्यवस्था होगी. इससे केंद्रों की संख्या में कमी आ सकती है , लेकिन हम सुनिश्चित करेंगे कि छात्रों को किसी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े. व्यवस्था की कमी का सामना कर रहे केंद्रों की मदद सीबीएसई करेगा.” त्रिपाठी ने कहा कि बोर्ड कई मदों पर लागत बचाएगा जिससे इनक्रिप्टेड प्रश्न-पत्रों को केंद्रों तक भेजने के लिए जरूरी व्यवस्था का खर्च निकल आएगा.

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