Tuesday, March 26, 2024
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असम में सरनेम देखकर लिस्ट से बाहर किए गए नाम: ममता

SI News Today
Name of the name out of the list by looking at surname in Assam: Mamta

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मसौदे को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार वोट की राजनीति कर रही है. इसमें 40 लाख लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं होने के कारण भारतीय की नागरिकता नहीं मिली है. असम में कुल 2.89 करोड़ लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है. एनआरसी के स्टेट को-आर्डिनेटर प्रतीत हजेला ने यह जानकारी दी है. ममता बनर्जी का आरोप है कि लोगों को उनके सरनेम के आधार पर लिस्ट से बाहर कर दिया गया. क्या सरकार बलपूर्वक उन्हें निकालना चाह रही है. उन्होंने कहा कि जिनलोगों के पास आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज थे, उनको भी छोड़ दिया गया, क्योंकि अधिकारी उन कागजात से संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने आशंका जताई कि सरकार के इस कदम से बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में समस्या पैदा हो सकती है, क्योंकि असम से इनकी सीमा लगती है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोगों को जबरदस्ती बेदखल करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कहा, ’40 लाख लोगों को छोड़ दिया गया है, जिनमें हिंदू और मुस्लिम शामिल हैं. उनके इंटरनेट समेत संपर्क के सभी साधन काट दिए गए हैं. हम उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. क्या यह उनको भयभीत करने की कोशिश है? हमें इस बात का संदेह है.’ममता बनर्जी प्रदेश सचिवालय नबन्ना में संवाददाताओं से बात कर रही थी. उन्होंने कहा, ‘यह लोगों को जबदस्ती बेदखल करने की कोशिश है, जो वोट की राजनीति है.’ उन्होंने कहा, ‘असम की सरकार और केंद्र सरकार ने उनको शरणार्थी बना दिया है. अनेक लोगों ने अपने कागजात जमा किए. फिर भी उन पर विचार नहीं किया गया, जबकि कुछ लोग वहां 50 साल से अधिक समय से निवास कर रहे हैं.’ ममता बनर्जी इस संबंध में दिल्ली जाकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का वक्त मांगेगी. उन्होंने कहा, ‘मैं केंद्र सरकार और गृहमंत्री से वहां राजनीति नहीं करने और मानवता के आधार पर विचार करने की अपील करती हूं. केंद्र सरकार उनकी रक्षा के लिए संसद में संशोधन विधेयक ला सकती है.’ ममता ने कहा, ‘छोड़े गए लोग रोहिंग्या नहीं हैं. वे सभी भारतीय हैं.’

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