Friday, April 19, 2024
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आईये जाने इंटरनेट का रोचक इतिहास कैसे पहुंचा हम तक

SI News Today

The Interesting History Of The Internet, Lets know how it works!

     

यूँ तो वैज्ञानिकों ने कई ऐसी रचनाये की है जिससे दुनिया का नक्शा ही बदल गया है। लेकिन वही एक ऐसी रचना भी हुई है जिसने दुनिया का रुख ही बदल गया। क्या आप जानते है ऐसा क्या है ? इंटरनेट ! आज पूरी दुनिया इंटरनेट के जाल से घिरी हुई है। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आखिर इंटरनेट क्या है ये कब आया ? इसकी मदद से जो आप बड़ी से बड़ी जानकारियां चुटकी में जान लेते हैं वो आप तक कैसे पहुँचती है ? नहीं ना । चलिए हम इसके बारे में आज हम आपको बताते है।

इस आधुनिक इंटरनेट की शुरुआत 1962 में हुई। 1962 में जे.सी.आर. लिकलीडर ने एक संस्था बनाई थी जिसे DARPA ( डिफेन्स एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी ) नाम दिया था इस संस्था द्वारा इन्होने एक नेटवर्क बनाया जिसे इंटेलग्रेटिक नाम दिया था जिसे बनाने का मकसद एक ही था – सारी दुनिया को एक दूसरे के साथ जोड़ना था। जैसी आर लिकलीडर अपनी टीम के साथ इंटेलग्रेटिक टीम के साथ काम करते रहे । साल 1974 में डीआरपा के दो अधिकारी विंड काफ और बॉब कान ने मिलकर TCP प्रोटोकॉल बनाया और इंटेलग्रेटिक नेटवर्क का नाम बदलकर इंटरनेट रख दिया।

लेकिन इस प्रोटोकॉल के बनने के बाद भी दो कंप्यूटर को एक दूसरे से कनेक्ट करना सम्भव नहीं हो पाया तब 1976 में डॉक्टर मिलकॉफ ने ईथरनेट केबल बनाया जिसके जरिये बहुत सारे कंप्यूटर को एक साथ जोड़ पाना संभव हो पाया। जिसे डॉक्टर राबर्ट ने लोकल एरिया नेटवर्क नाम दिया। बाद में DARPA के चीफ मेंबर विंड कॉफ और बॉबकान ने 1 जनवरी 1983 में डीआरपा को ARPA में बदल दिया और इसके साथ IP यानि इंटरनेट प्रोटोकाल बनाया जिसकी वजह से हर कंप्यूटर की यूनिक ID हो गई जिसके जरिये से कोई भी PC Access कर सकते थे। अब तकइंटरनेट केवल डाटा ट्रांसफरिंग कॅल्क्युलेटिंग और गेम के लिए इस्तेमाल किया जाता था । लेकिन 1984 में डॉ. जान पोस्टल ने डोमेन एक्सटेंसन बनाया जिसे आज हम .com , .org .in के नाम से जानते है जिससे वेबसाइट बनाई जा सकती थी। लेकिन ये सिर्फ शहरों तक ही सीमित थी।

साल 1989 में विंड कॉफ और बॉब कान ने ISP यानी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी बनाई और इसके जरिये दुनिया में इंटरनेट पहली बार आम लोगो के लिए शुरू किया इससे पहले इंटरनेट सर्विसेस केवल डिफेन्स और गवरमेंट एजेंसीज तक सीमित था । जिसे डॉयलाप नेट के नाम से जाना जाता था । सन 1991 में टिम्स बर्नली ने www ( world wide web ) को बनाकर पूरी दुनिया में website access करना आसान हो गया। आपको बता दे की बाद में इसका नाम बदल कर Nexus हो गया।

हम लोगों ने ये तो जान लिया है की इटरनेट क्या है इसकी शुरुआत कैसे हुई। लेकिन ये हम तक कैसे पहुँचता है आईये जानते है- बहुत से लोग सोचते है की इंटरनेट शायद सेटेलाइट के जरिये हम तक पहुँचता है। लेकिन ऐसा नहीं है हम तक इंटर नेट पहुंचने वाली तकनीक optical fiber cable है जिसके माध्यम से इंटरनेट हम तक पहुँचता है। इन optical fiber cables को समुद्र में बिछाया गया है। इसके मध्यम से 90 % इंटरनेट का इस्तेमाल पूरी दुनिया में होता है।

अब बात आती है ये काम कैसे करता है- इसे समझने के लिए हम इसे तीन भागों में बाँट लेते है पहला E-Server जिसमे दुनिया की सभी जानकारी save रहती है। दूसरा इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) जैसे एयरटेल, रिलायंस, आइडिया जो हमे सर्वर से जानकारी भेजती है और तीसरा ब्राउजर जिस पर हम जानकारी सर्च करते है। ये जानकारी पहले इंटरनेट के जरिये सर्विस प्रोवाइडर के पास जाती है फिर नेट प्रोवाइडर सर्वर पर इसे सर्च करता है। उसके बाद सर्वर उस जानकारी को इंटरनेट प्रोवाइडर को भेजता है। और इंटरनेट प्रोवाइडर जानकारी हमे भेजता है। ये प्रक्रिया इतनी तेज होती है की सारी जानकारी हमे मिनटों में मिल जाती है।

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