Friday, April 19, 2024
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आधार डाटा की सुरक्षा के लिए UIDAI ने उठाये कड़े कदम

SI News Today

UIDAI stern steps to protect base data

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वर्तमान समय में आधार कार्ड की जरूरत सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में तो पड़ती ही है इसके अलावा बैंक अकाउंट,मोबाइल सिम और दूसरी अन्य चीजों में भी इसकी जरूरत पड़ती है । शुरुआती दौर में ये मात्र वितरण प्रणाली व अन्य केंद्रीय सहायताओं तक ही सीमित था लेकिन आज इसका दायरा काफी फ़ैल चुका है । जिसके बाद डाटा सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल उठे  । जिसके बाद UIDAI ने इसकी सुरक्षा को लेकर अनेक अहम कदम उठाये  । जिससे आधार कार्ड का डाटा सुरक्षा की द्रष्टि से सुनिश्चित हो सके  । इसी कड़ी में UIDAI ने एक और एलान किया है  । अब 15 सितंबर से नया सिम लेने के लिए फ‍िंगर प्रिंट या दूसरी बायोमेट्रिक पहचान के साथ ही चेहरे की पहचान भी जरूरी होगी।

आइए जानते हैं इससे उपभोक्‍ताओं को कैसे मदद मिलेगी और क्‍या होगा इसका फायदा। इसके साथ ही यह भी जानेंगे कि हम अपने डाटा को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं-
1. यदि आप नया सिम लेने जा रहे है तो अब आपको डीलर को आपके अपने बाकी डाक्यूमेंट के साथ अपने चेहरे की भी पहचान करानी होगी । अब फ‍िंगर प्र‍िंट या उसकी फोटो से मिलान एक अहम और जरूरी प्रक्रिया होगी। इसके तहत चेहरे का फोटो के साथ मिलान होगा। लेकिन यदि सिम आधार कार्ड के जरिए जारी नहीं किया जा रहा है तो ये नियम लागू नहीं होंगे। अगर कंपनियां इसे सख्‍ती से नहीं लागू करती तो उन्‍हें जुर्माना देना होगा।
2. हाल ही में UIDAI ने आधार बायोमेट्रिक लॉकिंग सिस्‍टम की सुविधा शुरू की है जिससे आप आधार की डिटेल को लॉक और अनलॉक कर सकते है। इससे आधार कार्ड का कोई दुरूपयोग नहीं कर पायेगा ।
संस्‍था के मुताबिक बायोमेट्रिक लॉकिंग सिस्‍टम पूरी तरह से सुरक्षित है।
3. -इसके अलावा UIDAI ने आठ डिजिट के OTP नंबर की सुविधा भी दी है, जिसकी समय सीमा केवल तीस सेंकड के लिए हाेती है । और ये केवल यूजर्स के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर ही जनरेट हो सकता है ।
4. हाल ही में UIDAI ने आधार डाटा की सुरक्षा को लेकर एक और अहम फैसला किया है जिसमे आधारधारक को एक साेलह अंकों वाली वर्चुअल आईडी जारी करने का फैसला किया है। अाधारधारक को यह वर्चुअल आईडी आधार नंबर की जगह इस्‍तेमाल करना होगा। ये आईडी जरूरत के वक्‍त कंप्यूटर से जनरेट होगी। वर्चुअल आईडी की वजह से अपनी पहचान बताने के लिए अधार नंबर शेयर करने की जरूरत खत्‍म हो जाएगी। UIDAI का दावा है कि इस तरह आधार आईडेंटिफिकेशन पहले से ज्‍यादा सुरक्षित हो जाएगा। 

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