Thursday, March 28, 2024
featuredक्राइम न्यूज़देश

अरुणाचल प्रदेश में भड़का विरोध, प्रदर्शनकारियों ने CM आवास और पुलिस थाने में लगाई आग

SI News Today

Arunachal Pradesh protests, protesters set fire at police station and CM House.

 

अरुणाचल प्रदेश वासियों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र देने की सिफारिश के विरोध को लेकर छात्र और सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन द्वारा बुलाई गई हड़ताल के दौरान हिंसा भड़क गई है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने में आग लगा दी है। इस दौरान डिप्टी सीएम चौना मेन के निजी घर में भी तोड़फोड़ की गई है। हालात को देखते हुए चौना मेन को ईटानगर से नामासाई जिले में शिफ्ट किया गया है।

इससे पहले प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई और अन्य कई लोग घायल हो गए थे। सरकार द्वारा नियुक्त संयुक्त उच्चाधिकार समिति ने यह सिफारिश की है। इटानगर में शुक्रवार रात सिविल सचिवालय में घुसने का प्रयास कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने गोली चलाई। राज्य के कई संगठनों ने गुरुवार से शुक्रवार तक 48 घंटों के बंद का आह्वान किया था। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के लोगों से कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलिस फायरिंग में मारे गए व्यक्ति के लिए शोक व्यक्त किया है और राज्य में शांति व्यवस्था लौटने की उम्मीद जताई है।

राज्य की राजधानी में इंटरनेट सेवा को रोक दी गई है। तनाव की स्थिति देखते हुए सेना नाहारलागुन और इटानगर के बीच फ्लैग मार्च कर रही है। अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री कुमार वाई ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार शाम प्रदर्शनकारियों ने 50 वाहनों में आग लगा दी और 100 से ज्यादा को क्षतिग्रस्त कर दिया। पथराव में 24 पुलिसकर्मियों सहित 35 लोग घायल हो गए।

प्रदर्शनकारियों ने आल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट यूनियन और आल न्यइशी स्टूडेंट यूनियन के दफ्तरों में आग लगा दी। दोनों छात्र संगठनों ने समिति की सिफारिशों का समर्थन किया है। राज्य सरकार ने 1 मई 2018 को समिति गठित की थी। समिति ने भागीदारों के साथ विचार विमर्श के बाद छह समुदायों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है। ये समुदाय अरुणाचल प्रदेश के निवासी नहीं हैं लेकिन दशकों से नामसाइ और छांगलांग जिलों में रह रहे हैं। विरोध कर रहे संगठनों का कहना है कि सिफारिश मानी गई तो स्थानीय स्थायी निवासियों के अधिकारों पर विपरीत असर पड़ेगा।

संयुक्त उच्चाधिकार समिति की सिफारिश शनिवार को विधानसभा में पेश की जानी थी। लेकिन हिंसा को देखते हुए सरकार ने इसे नहीं पेश करने का फैसला लिया। विधानसभा अध्यक्ष शनिवार को पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।

SI News Today

Leave a Reply