Monday, April 28, 2025
featured

अगर खड़े होकर पीते हैं पानी तो बदले अपनी आदत, हो सकता है ये असर..

SI News Today

जीवन में पानी के महत्व के बारे में हर किसी को पता है। बिना पानी के जीवन संभव नहीं है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए डॉक्टर्स भी दिनभर में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं। शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति न हो तो कई तरह की शारीरिक क्रियाओं के संचालन में भी दिक्कत आती है। लेकिन पानी पीने का भी तरीका होता है। हममें से ज्यादातर लोग खड़े होकर ही पानी पीने के आदती होते हैं। पानी पीने का यह तरीका सेहत की दृष्टि से सही नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार खड़े होकर पानी पीने से किडनी संबधी समस्या और आर्थराइटिस जैसी बीमारी भी हो सकती है। चलिए, जानते हैं कि आखिर खड़े होकर पानी पीने से क्या-क्या दिक्कतें आ सकती हैं।

पाचन संबंधी बीमारी – जब भी हम खड़े होकर पानी पीते हैं तब पानी तेज धारा के साथ फूड पाइप के जरिए तेजी से नीचे बहता है जिससे पेट की दीवार और आस-पास के अंगों को चोट पहुंचती है। ऐसा अगर बार-बार होता है तो इससे पाचन तंत्र की फंक्शनिंग प्रभावित होती है।

आर्थराइटिस – खड़े होकर पानी पीने से शरीर के जोड़ों में मौजूद तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ जाता है और जोड़ों में इनकी मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे आर्थराइटिस की समस्या जन्म लेती है।

किडनी की समस्या – किडनी शरीर में पानी को छानने का काम करती है। जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तब पानी पानी बिना किडनी से छने सीधे बह जाता है। इससे किडनी और मूत्राशय में गंदगी रह जाती है जिससे मूत्रमार्ग में संक्रमण या फिर किडनी की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।

नहीं बुझती प्यास – खड़े होकर पानी पीने से प्यास ठीक से नहीं बुझती और बार-बार प्यास लगती है। ऐसे में आपको बैठकर आराम से छोटे-छोटे घूंट में पानी पीना चाहिए।

अपच की समस्या – बैठकर पानी पीने से आपके मसल्स और आपकी सभी तंत्रिकाएं रिलैक्स होती हैं। ऐसे में पाचन बेहतर हो पाता है। खड़े होकर पानी पीने से अपच की समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है।

शरीर में एसिड लेवल कम नहीं होता – आयुर्वेद के अनुसार छोटे-छोटे घूंट में पानी पीने से यह शरीर के एसिड्स में मिलकर उनके अनुपात को संतुलित रखता है। खड़े होकर पानी पीने से एसिड लेवल कम नहीं होता जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जन्म लेती हैं।

SI News Today

Leave a Reply