मणिपुर और नगालैंड के बीच धनबाद में बुधवार (1 नवंबर) को खेले गये बीसीसीआई महिला अंडर-19 वनडे मैच में 136 वाइड फेंकी गयी। पूर्वोत्तर-बिहार अंडर-19 वनडे प्रतियोगिता के तहत खेले गये इस मैच में मणिपुर की टीम ने 94 जबकि नगालैंड ने 42 वाइड फेंकी। नगालैंड की महिलाओं ने 117 रन से मैच जीत कर चार अंक प्राप्त किये, लेकिन पूर्वोत्तर की दोनों टीमों की गेंदबाजों को गेंद को 22 गज की पिच पर रखने में परेशानी हो रही थी। नगालैंड की टीम 38 ओवर में 215 रन पर आल आउट हो गयी जिसमें सबसे ज्यादा वाइड का 94 रन का योगदान था जबकि मुस्कान (54) और पोरी (24) ही दोहरे अंक तक पहुंच सकी। वाइड के कारण मणिपुर की गेंदबाजों ने 15.4 ओवर की अतिरिक्त गेंदबाजी की। इसके जवाब में मणिपुर की टीम 27.3 ओवर में महज 98 रन पर सिमट गयी। सीतेरनि (17) और रोनिबाला (24) ही दोहरे अंक में पहुंच सकी जबकि टीम के स्कोर में वाइड का योगदान 42 रन का रहा।
क्रिकेट में दिशाहीन गेंदबाजी का यह कोई पहला वाकया नहीं है। इसी साल अप्रैल में बांग्लादेश के क्लब क्रिकेट में ऐसा ही कुछ हुआ था। ढाका में आयोजित सेकंड डिविजन क्रिकेट लीग में लालमटिया टीम के गेंदबाज सुजोन महमूद ने अपने ओवर में केवल 4 गेंदों में ही 92 रन लुटाए। गेंदबाज ने 65 रन वाइड और 15 रन नो बॉल फेंककर दिए। इस दौरान एक बल्लेबाज ने 12 रन का योगदान दिया था।
2012 में बिग बैश लीग के दौरान होबार्ड हरीकेंस और मेलबर्न स्टार्स के बीच मैच में होबार्ड हरीकेंस ने 4.3 ओवर में 1 विकेट गंवाकर 43 रन बना लिए थे। क्लिंट मैकाय के हाथ में गेंद थी। उन्होंने इस ओवर की दूसरी और तीसरी गेंद पर चौका खाया था। सामने बल्लेबाज के रूप में ट्रैविस बर्ट मौजूद थे। चौथी गेंद पर ट्रैविस ने शानदार छक्का लगाया। अगली गेंद पर फिर से छक्का मगर अंपायर ने इसे नो-बॉल करार दिया। अब तक इस ओवर में मैकाय 21 रन दे चुके थे। अगली डिलीवरी फिर से नो-बॉल और इसपर फिर से वही सुलूक। ऐसे में जहां 4.3 ओवर तक होबार्ड हरीकेंस का स्कोर 43 रन था अब 4.4 ओवर में उनका स्कोर 63 पर पहुंच गया था। ये ऐसा ओवर था, जिसे मैकाय शायद ही कभी भूल सकें।