क्या आपने कभी जानने की कोशिश की कि शादीशुदा महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगाती हैं? यह सिर्फ सुंदरता बढ़ाने कि लिए नहीं लगाया जाता और ना ही यह सिर्फ शादीशुदा होने का लक्षण है. सिंदूर लगाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी होते हैं.
सिंदूर हल्दी, चूना और मरकरी से बना होता है. मरकरी शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है, तनाव कम करता है और दिमाग को शांत रखता है. यह यौन इच्छा को भी बढ़ाता है.
सिंदूर का लाल रंग खून और आग का प्रतीक होता है और यह सिर के बीचों-बीच मांग में लगाया जाता है जहां शरीर की मुख्य नसें स्थित होती हैं. इससे शरीर के चक्र सक्रिय हो जाते हैं जिससे शरीर में पॉजिटिविटी का संचार होता है.
सिंदूर में लेड ऑक्साइड, सिन्थेटिक डाई और सल्फेट होता है. सिन्थेटिक डाई से बाल झड़ने लगते हैं. लेड ऑक्साइड से त्वचा में जलन होती है और सल्फेट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है. अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो केमिकल युक्त सिंदूर लगाने से आपके बच्चे को भी खतरा हो सकता है.
ऐसे में बेहतर होगा कि आप नेचुरल तरीके से तैयार सिंदूर का ही इस्तेमाल करें. यूं तो बाजार में खोजने पर भी आपको प्योर और नेचुरल सिंदूर मिल जाएगा लेकिन आप चाहें तो घर पर भी सिंदूर बना सकती हैं.
घर पर सिंदूर बनाने का तरीका:
सामग्री-
1. 1 भाग हल्दी
2. 1 भाग बुझा चूना या कैल्शियम हाइड्रोक्साइड
3. गुलाबजल की कुछ बूंदे
4. 1 टीस्पून गुलाब की पंखुड़ी का पेस्ट
बनाने की विधि-
एक कटोरे में कैल्शियम हाइड्रोक्साइड और हल्दी मिला लें. गुलाब की पंखुड़ी का पेस्ट उसमें डालें और तब तक फेंटे जब तक एक समान मिश्रण तैयार न हो जाए. आप देखेंगे कि उसका रंग गहरे नारंगी रंग से ईंट के लाल रंग में बदल जाता है. लाल रंग को गाढ़ा करने के लिए उसमें कैल्शियम हाइड्रोक्साइड मिलाएं. जब पेस्ट सूख जाता है तो ओरेंज कलर का हो जाता है. पेस्ट को नम रखने के लिए उसमें गुलाब जल मिलाएं.
इस तरीके से तैयार पेस्ट विषैला नहीं होगा लेकिन अगर इसमें कैल्शियम हाइड्रोक्साइड ज्यादा मात्रा में मिला दी जाए तो इससे स्किन इंफेक्शन हो सकता है. ऐसे में माथे पर लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर कर लें. इसके अलावा विशेषज्ञ की सलाह भी ले सकते हैं.