मैं हिन्दी व्याकरण के सन्धि-विच्छेद को लेकर बड़े ही कशमकश में हूं ….
आप ही बतायें “विवाह” में “वाह” छिपी है या “आह”।
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पति- क्या यहां-वहां घूम रही हो… जाकर ब्लू व्हेल गेम खेलो
पत्नी- मैं बचपन से खेल रही हूं… तुमसे शादी करना मेरा लास्ट टास्क था।
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अच्छा पति किसी को नहीं मिलता,
मिले हुए पति को अच्छा बनाना पड़ता है… उसमें सुधार करना होता है…
ठीक ऐसे ही
अच्छी पत्नी भी किसी को नहीं मिलती
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मिली हुई पत्नी को ही अच्छी मान के संतोष करने में ही भलाई है
( नोट : पत्नी में सुधार की कोशिश न करें,
भारी पड़ सकता है )
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टीचर- तुम बड़े होकर क्या करोगे ?
छात्र- शादी
टीचर- नहीं, मेरा मतलब है क्या बनोगे ?
छात्र – दूल्हा बनूंगा
टीचर – ओहो, कहने का मतलब, बड़े होकर क्या हासिल करोगे?
छात्र – दुल्हन
टीचर – अबे, मतलब बड़े होकर मम्मी पापा के लिए क्या करोगे ?
छात्र- बहु लाऊंगा
टीचर – हरामखोर …तुम्हारे पापा, तुमसे क्या चाहते है ?
छात्र – पोता
टीचर – हे भगवान, अबे जिंदगी का क्या मकसद है?
छात्र – “हम दो हमारे दो” .
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भारत अब साफ सुथरा रहेगा क्योंकि अब पूरी ,
” निरमा वाशिंग पाउडर ” की टीम
” संसद ” में मौजूद है …!!
हेमा , रेखा , जया और सुषमा ,
सबकी पसंद निरमा ….