Sunday, March 23, 2025
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दो मैचों में जीरो पर आउट हुए थे सचिन तेंदुलकर, नाक बचाने के लिए बनाने पड़े बहाने

SI News Today

क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से गहरी छाप छोड़ चुके महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर अपने जीवन के शुरुआती दो मैचों में जीरो पर आउट हुए हैं। उन्हें यह प्रदर्शन इतना खटका कि नन्हें सचिन ने नाक बचाने के लिए उस वक्त काफी दलीलें भी दीं।

सचिन अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’ में बताते हैं कि ‘कोच रमाकांत आचरेकर द्वारा संचालित कामथ मैमोरियल क्लब के लिए खेलते हुए शुरुआती मैचों में मैं कुछ खास नहीं कर सका। इस मैच को देखने मेरे कॉलोनी के दोस्त आए थे, जिसमें मैं जीरो पर आउट हो गया। मैं अपनी कॉलोनी का स्टार बल्लेबाज था तो यकीनन मेरे दोस्त मुझे ही देखने वहां आए थे। पहली ही गेंद पर आउट हो जाना बेहद शर्मनाक था। मैंने इसके लिए कई बहाने बनाए और कहा कि गेंद बेहद नीची थी साथ ही पिच बल्लेबाजी के लिए बेहतर नहीं थी लेकिन दूसरे मैच में मैं फिर से शून्य पर आउट हो गया। हालांकि तीसरे मैच में 7 गेंदों का सामना कर मैंने अपना पहला रन बनाया। इससे मुझे बेहद राहत मिली।’

सचिन बताते हैं कि ‘मैं उस वक्त अपने पास एक डायरी रखता था, जिसमें मैच से जुड़ी सारी जानकारी रखता था लेकिन दुर्भाग्य से मेरे पास आज उनमें से कुछ भी नहीं है। स्कूल के लिए खेलते हुए मेरा प्रदार्पण खास बुरा नहीं था मैंने इस मैच में 24 रन बनाए। इसे हम आसानी से जीत भी गए। हालांकि मुझे ये मैच कुछ अन्य कारणों से भी याद है। क्योंकि मैंने इस दौरान एक बेहद जरूरी पाठ सीखा। ये सीख थी कि कभी भी अनैतिकता पर आश्रित मत हों, खेल को हमेशा पूरी ईमानदारी के साथ खेलें।’

बता दें कि भारत की ओर से 463 वनडे खेलने वाले तेंदुलकर ने इस फॉर्मेट में 86.23 की स्ट्राइक के साथ 18,426 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 49 शतक समेत 96 अर्धशतक भी जमाए। वहीं बात अगर टेस्ट की करें तो 200 मैचों में इस खिलाड़ी ने 51 शतक और 68 अर्धशतक की मदद से 15,921 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट में सचिन 2 हजार से ज्यादा चौके लगाने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं। उन्होंने टेस्ट मैचों में 2058 चौके जड़े हैं।

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