भारत ने कहा है कि भारत-पाक के बीच विवादित मुद्दों के हल के लिए रूस की ओर से मध्यस्थता का कोई प्रस्ताव नहीं आया है। समाचार एजेंसी के हवाले से विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस ने ऐसा कोई ऑफर नहीं दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस को अच्छी तरह से पता है कि भारत पाकिस्तान के साथ सारे विवादित मुद्दों का हल द्विपक्षीय वार्ता द्वारा आतंक रहित माहौल में चाहता है। इधर पाकिस्तान ने आज (15 जून) कहा कि वह भारत के साथ अपने द्विपक्षीय मतभेदों को सुलझाने में मदद करने में भूमिका निभाने के रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के इरादे का स्वागत करता है।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया से साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान इस बारे में कहा गया कि खबरों के मुताबिक पुतिन ने एससीओ सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से अपनी मुलाकात में भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों के समाधान के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी।जकारिया ने कहा, पाकिस्तान यूएनएससी एजेंडा पर लंबित इस मुद्दे में भूमिका निभाने के यूएनएससी के स्थाई सदस्य रूस के ध्यान देने और उसके इरादे का स्वागत करता है।
उन्होंने कहा कि पुतिन वैश्विक नेता और राजनेता हैं और वह जब पाकिस्तान आने का फैसला करेंगे तो हमारा देश उनका गर्मजोशी से स्वागत करेगा। रूस के साथ संबंधों के बारे में बात करते हुए जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान-रूस के संबंध सकारात्मक मार्ग पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा, दोनों पक्षों ने रक्षा समझौते पर दस्तखत किये हैं, संयुक्त सैन्य अभ्यास किये हैं और रूस दक्षिण-उत्तर गैस पाइपलाइन परियोजना में दो अरब डॉलर का निवेश कर रहा है। राजनीतिक, आर्थिक और व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्रों में संबंधों के और विस्तार की अपार संभावनाएं हैं।