लुधियाना की एक अदालत ने शुक्रवार (2 जून) को महाकाव्य ‘रामायण’ के रचयिता वाल्मीकि के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के लिए अभिनेत्री राखी सावंत के खिलाफ ताजा गैरजमानती वारंट जारी किया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट विशव गुप्ता ने राखी के खिलाफ वारंट जारी किया क्योंकि वह सुनवाई में नहीं आईं। उन्होंने लुधियाना के पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि वह सात जुलाई को अदालत में उपस्थित हों।
राखी की तरफ से पेश वकील रजनीश लखनपाल ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल ने इस संबंध में नहीं बोला था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उन्होंने वाल्मीकि समुदाय से बिना शर्त माफी भी मांग ली थी। स्थानीय अधिवक्ता नरेंद्र अदिया ने पिछले वर्ष नौ जुलाई को राखी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और दावा किया था कि पिछले साल एक निजी टीवी चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान उनकी टिप्पणियों ने वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को आहत किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने नौ मार्च को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
राखी ने एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा था, मैंने बचपन में पढ़ा था कि वाल्मिकी जी एक डाकू से एक संत बन गए, मीका जी भी उसी तरह बदल गए। इस टिप्पणी के बाद वाल्मिकी समुदाय के लोगों ने अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किया था। वहीं अरेस्ट वॉरंट जारी होने के बाद राखी सावंत ने कहा था कि वह बेकसूर है, जो सोशल वर्क करने में विश्वास करती हैं।
राखी ने कहा था कि मैं सलमान खान नहीं हूं, मैं राखी सावंत हूं। मेरे ऊपर चार्ज लगाने से किसी को कुछ नहीं मिलेगा। मैं एक आम लड़की हूं जो सोशल वर्क और फिल्मों में काम करती है। बता दें कि उस समय भी राखी के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट लुधियाना की कोर्ट ने जारी किया था।