पति-पत्नी का रिश्ता ऐसा रिश्ता होता है जिसमें एक ऐसा धागा होता है जो बहुत नाजुक होता है। इस रिश्ते के साथ कई ओर रिश्ते भी जुड़े होते हैं। इसलिए इसमें सावधानी बरतना जरुरी हो जाता है। वहां एक दोस्त की तरह लड़ना-झगड़ना, प्रेम करना, बच्चे की तरह जिद्द करना सब इसी रिश्ते में समा जाते हैं। तो आम बात है कि कई बार यहां लड़ाई-झगड़ा हो जाना और रिश्तों में खटास आना आम बात है।
लेकिन ये आम बात तब आम नहीं रह जाती है जब इसमें दूरियां आने लग जाए। इस रिश्ते को कई सावधानियां अपनानी होती हैं और ये पति-पत्नी की समझदारी पर ही निर्भर करता है कि वो किस हद तक जाकर अपने रिश्ते के लिए मेहनत कर पाते हैं। लेकिन जब सभी तरह की कोशिश कर ली जाए और किसी तरह की सफलता हासिल ना हो तो जरुरी होता है कुछ ऐसे उपाय अपनाना जो आपके रिश्तों को टूटने से बचा सकते हैं। लेकिन फिर भी आपके जीवन में क्लेश बढ़ते जा रहे हैं तो इसके क्या उपाय हो सकते हैं।
वैवाहिक जीवन के शत्रु ग्रह
शनि- अगर शनि का संबंध विवाह भाव या उसके ग्रह से हो तो विवाह भंग होता है। शनि विवाह भंग करने का कारण होता है तो इसके पीछे घर के लोग जिम्मेदार माने जाते हैं। शनि की वजह से पति-पत्नी के संबंधों में दूरियां बन जाती है। अगर शनि की वजह से समस्या आ रही हो तो शिव जी को रोज सुबह जल चढ़ाएं। साथ ही शनिवार को लोहे के बर्तन में भरकर सरसों के तेल का दान करें।
मंगल- वैवाहिक जीवन में हिंसा हो रही हो तो इसके पीछे मंगल होता है। अगर मामला हिंसा तक पहुंच गया है तो इसके पीछे मगंल होता है।
सूर्य- इसके दुष्प्रभाव हो तो जीवनसाथी का करियर बाधा देता है। कई बार अंहकार के कारण आपसी संबंध खराब हो जाते हैं। यहां पर बहुत सोच समझकर शांतिपूरण तरीके से विवाह भंग होता है। हालांकि शादी के काफी समय बाद विवाह विच्छेद होता है। रोज सुबह सूर्य को रोली मिला हुआ जल अर्पित करें। एक तांबे का छल्ला जरूर धारण करें। गुलाबी रंग के कपड़े धारण करना शुभ माना जाता है।
अगर अपना वैवाहिक जीवन सुरक्षित रखना चाहते हैं तो अवश्य ही इन ग्रहों को शांत रखने के साथ उन्हें खुश रखने की भी आवश्यकता होती है। शनि जिन लोगों पर भारी होता है उन लोगों शनिवार के दिन अवश्य ही शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए उन्हें तिल का तेल अर्पित करें। ध्यान रहे कि जो भी प्रक्रिया करें दोनो पति-पत्नी एक साथ ही करें।