बॉलीवुड ‘क्वीन’ कंगना रनौत इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म ‘सिमरन’ के प्रमोशन में बिजी हैं। इस फिल्म के फर्स्ट लुक से लेकर गाने तक रिलीज किए गए हैं। वहीं अब फिल्म का एक और पोस्टर रिलीज किया गया है। इस पोस्टर में जिसका चेहरा नजर आ रहा है वह है कंगना। जी हां, पहली नजर में कंगना इस पोस्टर में पहचानी ही नहीं जातीं। इस पोस्टर में कंगना का क्लोज शॉर्ट लिया गया है, जिसमें उनका चेहरा बहुत बड़ा लग रहा है। वहीं उन्होंने हुड पहना हुआ है और गॉगल्स लगाए हुए हैं। इस पोस्टर में उनके एक्सप्रेशन देखने लायक हैं, जिसे देखते ही आपको हंसी आ जाएगी।
फिल्म में कंगना एक गुजराती एनआरआई की भूमिका निभाती हुई नजर आएंगी। फिल्म 15 सितंबर 2017 को रिलीज होने जा रही है। इन दिनों कंगना अपने एक इंटरव्यू को लेकर खूब सुर्खियों में छाई हुई हैं। अपने बेबाक जवाब और किसी से न डरने वाली बात कहने से कंगना इन दिनों खूब पसंद की जा रही हैं तो कई लोग उनके इस रवैये को ठीक नहीं मान रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि फिल्म के प्रमोशन के लिए कंगना ये सब कर रही हैं।
बता दें, पिछले दिनों एक न्यूज चैनल को कंगना ने इंटरव्यू दिया था। यह एक टॉक शो था जिसमें कंगना रनौत ने ऋतिक रौशन, आदित्य पंचोली और राकेश रौशन पर कई आरोप लगाए। कंगना ने यह भी खुलासा किया था कि जब वह मुंबई आई थीं तो आदित्य पंचोली ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया था। कंगना ने बताया कि आदित्य ने उन्हें हाउस अरैस्ट कर लिया था। वहीं अपने इस इंटरव्यू में कंगना ने अपूर्व असरानी के बारे में भी बात की। इसके बाद असरानी ने फेसबुक और ट्विटर के जरिए एक्ट्रेस पर निशाना साधा है। अपूर्व कंगना की फिल्म सिमरन के लेखक हैं।
हंसल मेहता की अपकमिंग फिल्म सिमरन के राइटिंग क्रेडिट को एक्ट्रेस के साथ शेयर करने की वजह से अपूर्व पिछले दिनों सुर्खियों में छाए थे। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- प्यार, लड़ाई और फिल्म प्रमोशन में सबकुछ जायज है। यहां तक कि बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल करने के लिए भी हताशा को दिखाया जाता है और मनोरंजन के तौर पर उसका आनंद लिया जाता है। ट्विटर के अलावा अपूर्व ने अपने फेसबुक पर एक लंबा चौड़ा सा पोस्ट लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है- मैं अचानक उठी इस छद्म नारीवाद की लहर से परेशान हो चुका हूं और हमेशा के लिए इस बंद करना चाहता हूं, क्योंकि जो महिलाएं सभ्यता और निष्पक्षता की सीमाएं लांघ कर ‘आदमियों ने यह किया’ , ‘हम क्यों नहीं कर सकते?’ जैसे तर्क देती हैं वो सिर्फ समस्याएं पैदा करती हैं।