Thursday, April 18, 2024
featuredफेसबुक अड्डामेरी कलम से

दस रुपय और प्यार -खोती हुयी मानवता की साख बचाती ips सिकेरा जी का ये पोस्ट

SI News Today

Source :Viwe Source

मित्रो , ये नीचे जो महिला की फ़ोटो है …ये थोड़ी सी मानसिक विक्षिप्त महिला है …बोलने चालने में बहुत मृदुभाषी है …ये इधर उधर भटकती रहती है …हमारे जसवंतनगर में महीने में 1 या 2 चक्कर लगाती है …कहाँ चली जाय कोई पता नहीं ….
मेरी इससे पहली मुलाकात लगभग 7 वर्ष पूर्व ..मेरे घर के सामने एक परचून की दुकान पर हुई थी … मुझे याद है जून का महीना था …बहुत तेज धूप निकली थी …ये प्यास से परेशान थी …लेकिन झिझक की वजह से किसी से पानी नहीं मांग रही थी …क्योंकि उसे पता था कि उसे पागल कहकर लोग दुत्कारकर भगा देंगे ….संयोग से मैं अपनी छोटी बिटिया के लिए फ्रूटी खरीदने गया था …मैं उसकी मनोस्थिति समझ गया …और उसे सबसे पहले ठंडा पानी पिलाया …व दुकान से बिस्किट व नमकीन उसे खिलाया ….
फिर उससे उसके अतीत के बारे में पूंछा ….तो वह भावुक हो गयी और बोली कि भैया मैं साधारण से घर में पैदा हुई …मेरे पति के देहांत के बाद मेरे परिवारी जनों ने मुझे घर से भगा दिया …में अपने मायके में रहने लगी …वहां जब तक मां , बाप थे तब तक मुझे रखा …उनके देहांत के बाद मेरे मायके बाले भी मुझे तिरष्कारित करने लगे …भाइयों को मेरी कोई चिंता न थी …उनकी पत्नियाँ मुझे घृणा की नजर से देखतीं थी ..मेरी ससुराल बालों पर केस कराकर मेरी जायदाद मेरे मायके बालों ने हड़प ली …सारी जमीन बेच दी …ओर मुझे भी घर से निकाल दिया …
अब मैं कहीं यहां , कहीं वहां …घूमती रहती हूं …मथुरा , बृन्दावन , हरिद्वार घूमती रहती हूं …ओर जो भी मुझे कुछ खाने को खुशी से देता है …उसे स्वीकार करके अपना पेट भर लेती हूं ….
पता नहीं क्यों मेरा …उससे एक लगाव सा हो गया था…चूँकि मेरा दवाओं का व्यवसाय है …तो वो मुझसे दवा बाले भैया कहकर पुकारती है …पिछले 7 सालों से वो मेरे पास हर महीने आती रहती है .. मेरे पास 5 मिनट के लिए ही रुकेगी …ओर उस हक़ से कहती है जैसे कि मेरा प्रतिष्ठान उसके ही सगे भाई का हो …कहती है कि दवा बाले भैया मुझे 10 रुपये दे दो मुझे कुछ खाने के लिए खरीदना है … यकीन मानिए मित्रों मुझे उसे पैसे देने में बहुत खुशी होती है …यद्यपि मैंने कई बार उसे ज्यादा पैसे देने की कोशिश की …लेकिन वो कभी भी 10 रुपये से ज्यादा नहीं लेती ….ओर कहती है कि पैसा बहुत मुश्किल से कमाया जाता है …मुझे बस 10 रुपये ही दे दो …
मेरे मेडिकल के पास यद्यपि कई दुकानें हैं ..लेकिन वो पैसा मुझसे ही लेती है …ओर बहुत हक़ से माँगती है …जब भी मेरे पास आती है तो अपने प्लास्टिक के थैले से मेरे लिए कोई खाने की चीज निकालकर कहेगी भैया मुझे ये कानपुर में किसी ने खाने को दिया था …मैंने आपके लिए बचा कर रख लिया था ..आज भी अभी कुछ समय पहले मेरे पास लगभग 1 महीने बाद आई थी ….ओर बोली भैया मुझे किसी ने नमकीन दी थी खाने को …तो मैंने आपके लिए थोड़ी सी बचा ली थी ..
यकीन मानिए मित्रों मेरा मन द्रवित हो गया उसका मेरे प्रति प्रेम देखकर …
लोग उसे पागल कहकर दुत्कारते हैं ….लेकिन मैंने उसके दिल में एक वेवश महिला को देखा है …
एक बार 3 – 4 महीने तक मेरे प्रतिष्ठान पर नहीं आई ….तो मन में अजीब अजीब से ख्याल आने लगे …
एक मित्र ने बताया कि जो पागल महिला तुम्हारे पास आती है …वो ट्रेन के नीचे आ गई और खत्म हो गई ..
यकीन मानिए ये सुनकर मैं बहुत भावुक ही गया …तुरन्त अपना मेडिकल स्टोर बंद करके …थाना जी आर पी पहुँच कर शव देखने पहुंचा …लेकिन शव उस महिला का नहीं था जो मेरे पास आती थी …वो कोई दूसरी महिला थी …लेकिन शक्ल सूरत उसी जैसी होने के कारण उस मित्र ने उसे ही समझा था …
आखिर मेरा उससे कोई संबंध न होकर भी …उसके प्रति अनहोनी की आशंका ने मेरा शरीर कँपा दिया था …जब भी आएगी हँसकर 10 रुपये मांगेगी या अपने लिए दवा माँगेगी ….ओर सर्दियों में चाय की डिमांड होती है उसकी ….
आज भी कुछ समय पूर्व मेरे पास आई और 10 रुपये ओर एक बिस्किट का पैकिट लेकर , ओर मेरा हाल चाल लेकर मुस्कराती हुई …रेलबे स्टेशन पर चली गयी …एक अनजाने गंतब्य के लिए …
मैं उसे देखता रहा ….
उसके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में ….

SI News Today

Leave a Reply