Friday, March 29, 2024
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बद्रीनाथ के कपाट खुलने के बाद चार धाम की यात्रा हुई शुरू!

SI News Today

विधि विधान के साथ बद्रीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. रविवार (29 अप्रैल) को केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले गए थे. बद्रीनाथ मंदिर के कपाट सुबह 4.30 बजे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले गए. कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह तीन बजे शुरू हुई. कपाट खुलने के बाद मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में जाकर इस साल की पूजा शुरू की. उन्होंने उद्धवजी और कुबेरजी को भगवान बदरी विशाल के साथ स्थापित कर दिया. कपाट खुलने के साथ ही चार धाम की यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गई है.

6 महीने के लिए खुले रहेंगे कपाट
बद्रीनाथ और केदारनाथ के कपाट केवल 6 महीने के लिए ही खुलते हैं. 6 महीने तक श्रद्धालु बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करने पहुंचते हैं. नवंबर के दूसरे हफ्ते में अगले 6 महीने के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. बता दें बद्रीनाथ में एक कुंड है जिसे तप्त कुंड कहा जाता है. इस कुंड से गर्म पानी निकलता है. इस कुंड में नहाना धार्मिक लिहाज से तो महत्वपूर्ण है ही, साथ में स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह बहुत महत्वपूर्ण है. कपाट खुलने के अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर को करीब 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. कपाट खुलने को लेकर भक्तों में गजब का उत्साह था. सभी भक्त जयकारे लगा रहे थे. सुबह कपाट खुलने के बाद तिल के तेल से भगवान बदरी विशाल का महाभिषेक किया गया. साथ ही उनके शरीर पर लेपन भी किया गया.

हिंदुओं की आस्था का बहुत बड़ा केंद्र
बद्रीनाथ मंदिर हिंदुओं की आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है. अलखनंदा नदी के किनार बसा यह मंदिर भगवान विष्णु, शिव और माता पार्वती को समर्पित है. यह मंदिर दो पर्वतों के बीच बसा है. दोनों पर्वतों को नर नारायण पर्वत कहा जाता है. बता दें, बद्रीनाथ मंदिर के पुजारी शंकराचार्य के वंशज होते हैं. इन पुजारियों को रावल कहा जाता है. हिंदु धर्म के मुताबिक भगवान विष्णु ने कहा था कि कलियुग में वे अपने भक्तों को बद्रीनाथ मंदिर में मिलेंगे.

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