Friday, April 19, 2024
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अमृतसर के अस्तपताल में हैपेटाइटिस-सी की दवा ना मिलने के कारण हो रही मौत

SI News Today

Death due to non-availability of hepatitis-C drug in Amritsar’s hospital.

    

सरकार द्वारा सरकारी स्कीमें शुरू करते हुए मरीजों की भलाई संबंधी दावे तो बहुत किए जाते हैं परन्तु बुरे प्रबंधों कारण हमेशा ही सरकारी स्कीमें बीच में ही दम तोड़ देती हैं.  ऐसा ही कुछ देखने को मिला अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल (जी.एन.डी.एच.) में जहां हैपेटाइटिस-सी की दवा खत्म होने के चलते, मरीजों की मौत हो रही है. दरअसल, यह दवाएं अस्पताल से मिला करती हैं लेकिन सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते मरीजों को इन्हे प्राइवेट मैडीकल स्टोरों से 2,500 रुपए में खरीदनी पड़ रहा है.

आपको बता दें, पंजाब सरकार द्वारा मुख्यमंत्री राहत योजना के अंतर्गत हैपेटाइटिस-सी का इलाज मुफ्त किया जा रहा है. सरकार द्वारा इस संबंधी 3 और 6 माह के अलग-अलग 2 कोर्स मरीजों की हैपेटाइटिस-सी बीमारी के साथ संबंधी निर्धारित किए गए हैं. मरीजों की सुविधा के लिए 3 माह के कोर्स में 1 लाख 40 हजार रुपए तक, जबकि 6 माह के कोर्स में 2 लाख 80 हजार रुपए की दवा मुफ्त में दी जा रही है.

वहीं अगर बात करें गुरु नानक देव अस्पताल कि तो हैपेटाइटिस-सी के इलाज के लिए अति महत्वपूर्ण समझी जाने वाली रीबावरेन नामक दवा खत्म हो गई है. वहीं सरकारी तौर पर मुफ्त में मिलने वाली उक्त दवा मरीजों को 2,500 रुपए खर्च कर प्राइवेट मैडीकल स्टोरों से लेनी पड़ रही है. उक्त बीमारी से संबंधित गरीब मरीज दवा महंगी होने के कारण खा ही नहीं रहे हैं. ऐसे में बीमारी गंभीर होने के कारण उनकी मौत हो जा रही है. सूत्र के मुताबित, रीबावरेन दवा की सप्लाई पीछे से ही नहीं आ रही है, जिस कारण गुरु नानक देव अस्पताल में दवा मौजूद नहीं है.

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