जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने कहा है कि उनके राज्य को संघर्षग्रस्त प्रदेश या राजनीतिक समस्या के रूप में नहीं बल्कि सामाजिक मुद्दों वाले एक समाज के रूप में देखा जा ना चाहिए. उन्होंने शुक्रवार रात कश्मीर पर आधारित एक कार्यक्रम में लोगों से कहा कि उन्हें राज्य की स्थिति की शुरूआत और प्रवृति के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए और विचार करना चाहिए कि इसका हल कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमें दूसरे से बातचीत करने से पहले अपने आप से बात करने की आवश्यकता है और यह राष्ट्रीय स्तर पर भी होना चाहिए.
पीडीपी नेता ने कहा कि राज्य के लोगों की चिंताओं को शामिल करने की आवश्यकता है न कि संकेतों के जंगल में खो जाने की. हसीब द्राबू ने कहा कि जम्मू कश्मीर को संघर्षग्रस्त राज्य तथा राजनीतिक मुद्दे के रूप में नहीं देखें. यह एक समाज है जहां अभी सामाजिक मुद्दे हैं. हम अपनी जगह खोजने का प्रयास कर रहे हैं और हम एक ऐसी प्रक्रिया से गुजर रहे हैं, जिससे कई अन्य देश भी गुजर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जहां तक मैं देख सकता हूं यह( जम्मू कश्मीर) राजनीतिक मुद्दा नहीं है. वे लोग पिछले 50 या 70 साल से इसकी राजनीति की बात कर गलत विचार रख रहे हैं, कि राजनीतिक स्थिति कभी नहीं सुधरी है. वह पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित कार्यक्रम कश्मीर दि वे फारवर्ड को संबोधित कर रहे थे.
कार्यक्रम में 130 राजदूत, सरकारी अधिकारी और उद्योग जगत के लोग शामिल हुए. उन्होंने घरेलू और विदेशी निवेशकों से भावुक अपील की कि राज्य की आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए वे अपने निवेश एजेंडा में जम्मू कश्मीर को भी शामिल करें.