आजकल की जीवनशैली कई तरह की बीमारियों का कारक है। कब्ज भी खराब और अनियमित लाइफस्टाइल की वजह से होने वाली एक बीमारी है जिसकी वजह से रोगी को मलत्याग में बहुत दिक्कत होती है। इसकी वजह से सीने में जलन, पेट की बीमारी और पाचन में गड़बड़ी जैसे तमाम लक्षण दिखाई पड़ते हैं। इस बीमारी के रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। कब्ज के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि यह कभी अकेला नहीं आता बल्कि इसके साथ कई तरह की अन्य बीमारियां भी शरीर में दस्तक देती हैं। कब्ज को प्राकृतिक उपचार के माध्यम से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। वैसे इसके तमाम आधुनिक उपचार बाजार में मौजूद हैं लेकिन इसके लिए अब भी प्राचीन प्राकृतिक नुस्खे ही ज्यादा कारगर होते हैं। आज हम कब्ज के जिस उपचार के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वे दो ऐसे फल हैं जो आपको आसानी से बारह महीने उपलब्ध हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि वे फल कौन-कौन से हैं –
सेब – कब्ज में सेब खाना बहुत ज्यादा लाभकारी होता है। इसमें सोर्बिटोल होता है जो मल को नरम करने का काम करता है। इससे कब्ज में काफी आराम मिलता है। सेब का जूस पीने से इस समस्या से पूर्णतः निजात पाया जा सकता है। इसका जूस बनाने के लिए एक सेब को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर दो गिलास पानी में डालें और पकाएं। इस मिश्रण को तब तक पकाना है जब तक कि पानी हल्का लाल न हो जाए। मिश्रण को पकाने के बाद इसके ठंडा होने का इंतजार करें और फिर सेवन करें। दिन में दो तीन बार इसका सेवन करने से ज्यादा फायदा होता है।
नाशपाती – नाशपाती को पेट के लिए अनुकूल फल माना जाता है। इसका सेवन करने से कब्ज में काफी आराम मिलता है। इसमें सेब की तुलना में आठ गुना ज्यादा सोर्बिटोल होता है। नाशपाती के जूस से भी कब्ज से निजात पाया जा सकता है। एक पैन में एक नाशपाती को काटकर दो गिलास पानी के साथ मिलाकर पकाएं। बाद में ठंडा कर इसका सेवन करें।