Friday, March 29, 2024
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उत्तर प्रदेश के राशन घोटाले में मऊ जनपद पहले स्थान पर,लेकिन जांच की आंच से दूर

SI News Today

उत्तर प्रदेश में पिछले साल सामने आए एक बड़े राशन घोटाले ने सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त शासन की धज्जियाँ उड़ाते हुए सरकार की नीतियों को दोयम दर्जे का बताया है। गोण्डा रायबरेली आगरा जैसे तमाम बड़े शहरों में एक के बाद एक लगातार आधार ऑथेंटिकेशन में हेरफेर कर करोड़ों के राशन की चोरी का मामला सामने आया है जिसपर सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए इस मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं। आपको जानकर यह हैरानी होगी कि जिन जनपदों में यह घोटाला हुआ है उनमे से सबसे बड़ा आधार ऑथेंटिकेशन का घोटाला मऊ में सामने आया है। जिसको स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने पिछले वर्ष प्रभारी मंत्री नन्द गोपाल नंदी के सामने भी उठाया था जिसपर उन्होंने एक दो कर्मचारियों पर कार्यवाही करने की बात कही थी लेकिन प्रभारी मंत्री की जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी के आगे एक भी ना चली। स्थानीय सूत्रों की माने तो मऊ जनपद में जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी,पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय जिनकी तैनाती कोपागंज ब्लॉक में है व लिपिक अमरनाथ मौर्य तथा स्थानीय कोटेदारों के साथ मिलकर एक सिंडिकेट चलाया जा रहा है,जिसमे बड़े पैमाने में आधार ऑथेंटिकेशन में धांधली करके सरकार के राजस्व को करोड़ों का चूना लगाया जा चुका है। आपको यह जानकर हैरानी होगी मऊ जनपद में खाद्य विभाग में कई कर्मचारी ऐसे भी हैं जो लागभग 20 वर्षों से एक ही जगह पर जमे हैं और अपनी भ्रष्टाचार की जड़ों को लगातार जमाये हुए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इतने व्यापक स्तर पर हुए घोटालों में आज तक मऊ जनपद का नाम तक नहीं आया है अगर कभी कोई शिकायत होती भी है तो उसकी जांच विभाग स्वयं अपने ही जिले में करवाकर मामले को दबा देता है। इस भ्रष्टाचार के मामले को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने खाद्य एवम रसद मंत्री अतुल गर्ग से लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तक को शिकायत पत्र सौंपा है लेकिन उस पर आजतक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का संकल्प लेकर सत्ता में आई भाजपा के नेताओं का यह लचीलापन कहीं न कहीं मऊ जनपद में भाजपा की लोकसभा में हार का एक बड़ा कारण भी रहा है।

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